PM Jan Dhan Yojna : अगर आप जनधन खाताधारक हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों को सलाह दी है कि वे उन खातों को बंद कर दें जो पीएम जनधन योजना के तहत खोले गए हैं और लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हैं। सरकार को जानकारी मिली है कि कई निष्क्रिय जनधन खातों का इस्तेमाल “खच्चर खाते” के तौर पर किया जा रहा है यानी दूसरों का गलत पैसा रखने या भेजने के लिए। यानी इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। इससे साइबर धोखाधड़ी और ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार ने उन सभी खातों (Pmjdy) को बंद करने का निर्देश दिया है जिनमें पिछले 24 महीनों में कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
क्या होगा फायदा?
इस कदम से बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा मजबूत होगी। इससे धोखाधड़ी की घटनाएं कम होंगी और सरकारी खर्च भी बचेगा। क्योंकि, निष्क्रिय खातों की निगरानी पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सरकार सिर्फ उन्हीं खातों को चालू रखना चाहती है जिनका सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। इससे धोखाधड़ी रुकेगी और सिस्टम साफ होगा। हालांकि, खातों को बंद करना एक संवेदनशील कदम है, इसलिए सभी जरूरी सावधानियां बरती जाएंगी।
वित्त वर्ष 2025 में कितनी धोखाधड़ी?
वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़े 13,516 धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। अकेले एसबीआई में ही पिछले 5 सालों में साइबर धोखाधड़ी में 147 करोड़ रुपये के ग्राहक पैसे डूब गए।
अब तक कितने खाते खोले गए?
2014 से अब तक कुल 55.7 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं, जिनमें 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।
इनमें से 31 करोड़ खाताधारक महिलाएं हैं।
कुल खातों में से 11.3 करोड़ खाते (23%) दिसंबर 2024 तक निष्क्रिय थे, जिन्हें बंद कर दिया जाएगा।
कौन से खाते प्रभावित होंगे?
निष्क्रिय 11.3 करोड़ खातों में से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के हैं।
इनमें से कई खातों का कभी नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं किया गया।
जिन खातों को फिर से सक्रिय नहीं किया गया है, उन्हें सुरक्षित तरीके से बंद कर दिया जाएगा।
इसका क्या असर होगा?
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कई खाताधारक जानबूझकर अपने खातों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, इसलिए उनके खाते बंद कर दिए जाएंगे। जिनके खाते बंद होंगे, वे डीबीटी, पेंशन या बीमा जैसी सुविधाओं का लाभ उठाने से सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर, फर्जी खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी या साइबर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किए जाने का जोखिम कम हो जाएगा।
अभी क्या कर रहे हैं बैंक?
सरकार के निर्देश के बाद बैंक ऐसे खातों को बंद करने से पहले उन्हें फिर से सक्रिय करने की प्रक्रिया चला रहे हैं। इसमें ग्राहकों से अपने खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए कहा जा रहा है। यानी अगर आपका खाता भी 24 महीने से निष्क्रिय है, तो आप केवाईआर (नो योर कस्टमर) करवाकर उसे सक्रिय कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपना खाता फिर से सक्रिय नहीं करना चाहते हैं, तो खाता बंद कर दिया जाएगा।