Kendriya Vidyalaya : बिहार में खुलेंगे 16 नए केंद्रीय विद्यालय, आठ के लिए जमीन आवंटित, बाकी की प्रक्रिया जारी.

Kendriya Vidyalaya : बिहार सरकार द्वारा आठ केंद्रीय विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है। इनमें छपरा, सीवान (जीरादेई), औरंगाबाद, बक्सर, देवकुंड (औरंगाबाद), बेगूसराय (बरौनी), सुपौल (वीरपुर) और मुजफ्फरपुर (झपहा) के केंद्रीय विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा, 16 नए प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई चल रही है।

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय स्थापित किया जाना है। इस दिशा में केंद्रीय सहायता को देखते हुए, बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई तेजी से की जा रही है।

इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में, सात और केंद्रीय विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें गोपालगंज, हाजीपुर, दरभंगा, नवादा, मोतिहारी, महाराजगंज और जमुई के केंद्रीय विद्यालय शामिल हैं.

केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए राज्य सरकार आमतौर पर पांच एकड़ से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराती है। हालाँकि, यह भूमि की उपलब्धता और केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, शहरी क्षेत्रों में 2.5 एकड़ भूमि और छोटे शहरों में 5 एकड़ भूमि भी पर्याप्त हो सकती है।

यहां नए केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित हैं

राज्य में 16 नये केन्द्रीय विद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव है. जिन स्थानों पर ये केंद्रीय विद्यालय प्रस्तावित हैं उनमें बिहारशरीफ, नालंदा, दीघा (पटना), बाल्मी (पटना), मुंगेर, मुजफ्फरपुर, आरा, बोधगया, भागलपुर, कैमूर, मधेपुरा, मधुबनी, शेखपुरा, दरभंगा, पूर्णिया और अरवल शामिल हैं। इनमें से कैमूर, मधेपुरा, मधुबनी, शेखपुरा और अरवल में अब तक एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं था।

जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई

नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के बाद, बिहार में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या बढ़कर 69 हो जाएगी। वर्तमान में बिहार में 53 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं। खास बात यह है कि नए केंद्रीय विद्यालयों के प्रस्ताव में पटना और नालंदा को विशेष महत्व दिया गया है। दोनों जिलों में दो-दो नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएँगे।

शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकार के इस फैसले से न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए नए विद्यालयों की स्थापना से पहले भूमि और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता का आकलन करना आवश्यक है।

इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को अपने जिलों में उपयुक्त भूमि की पहचान कर जल्द से जल्द सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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