Ganga Dussehra Date Time : गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है गंगा का अवतरण। गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा, गंगा नदी में स्नान, दान, पुण्य का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, राजा भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से धरती पर आई थीं। कब है गंगा दशहरा? जानें तिथि: पंचांग के अनुसार दशमी तिथि 04 जून 2025 को रात 11:54 बजे शुरू होगी। दशमी तिथि 06 जून 2025 को सुबह 02:15 बजे समाप्त होगी। द्रिक पंचांग के अनुसार गंगा दशहरा 5 जून 2025 को मनाया जाएगा
दशमी तिथि आरंभ – 04 जून 2025 रात्रि 11:54 बजे
दशमी तिथि समाप्त – 06 जून 2025 प्रातः 02:15 बजे
हस्त नक्षत्र आरंभ – 05 जून 2025 प्रातः 03:35 बजे
हस्त नक्षत्र समाप्त – 06 जून 2025 प्रातः 06:34 बजे
व्यतिपात योग प्रारम्भ – 05 जून 2025 प्रातः 09:14 बजे
व्यतिपात योग समाप्त – 06 जून 2025 प्रातः 10:13 बजे
पूजा विधि
1- ब्रह्म मुहूर्त में गंगा जल से स्नान करें
2- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक करें
3- माता के साथ भगवान शिव की भी पूजा करें गंगा
4- अब भगवान को चंदन और फूल अर्पित करें
5- मंदिर में घी का दीपक जलाएं
6- पूरी श्रद्धा से भगवान की आरती करें
7- भोग लगाएं
8- श्री गंगा चालीसा का पाठ करें
9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
महत्व: ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन हस्त नक्षत्र में मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। मां गंगा को पूरे विश्व में सबसे पवित्र नदी माना जाता है। जब गंगा धरती पर आईं तो यहां की बंजर जमीन उपजाऊ हो गई और हर क्षेत्र में हरियाली फैल गई। तभी से गंगा दशहरा पर्व मनाने की शुरुआत हुई। हिंदू धर्म में गंगा नदी को देवी के रूप में पूजा जाता है।