Paperless Property Registration In Delhi : दिल्ली में संपत्ति रजिस्ट्रेशन का नया सिस्टम अब कागज और इंसान की जरूरत नहीं.

Paperless Property Registration In Delhi  : दिल्ली सरकार प्रॉपर्टी के कागजात को लेकर बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब प्रॉपर्टी के कागजात का रजिस्ट्रेशन ‘पेपरलेस और फेसलेस’ होने की संभावना है। इसका मतलब है कि लोगों को कागजात लेकर दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके साथ ही सरकार एक लिस्ट भी जारी करेगी, जिसमें उन प्रॉपर्टी का नाम होगा, जिन्हें बेचा नहीं जा सकता। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) आशीष चंद्र वर्मा ने कहा कि ‘सरकार इस व्यवस्था को आसान और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहती है। नई व्यवस्था इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगी।’ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए दिल्ली सरकार तेजी से काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रॉपर्टी के कागजात बिना कागज और बिना व्यक्ति के रजिस्टर किए जाएं। इससे लोगों को सुविधा होगी और भ्रष्टाचार भी कम होगा।

इस संबंध में वर्मा ने गुरुवार को एक बैठक की। उन्होंने सभी संबंधित लोगों से बात की और सुझाव मांगे कि सिस्टम को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। वर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग ने एक कंसल्टेंट को कंसल्टेंट नियुक्त किया है। कंसल्टेंट कंपनी प्रक्रियाओं का अध्ययन करेगी और सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देगी।

हम चाहते हैं कि सिस्टम पूरी तरह से फेसलेस हो और इसमें किसी तरह का मानवीय हस्तक्षेप न हो। इसके लिए हमें तकनीकी बदलाव करने होंगे और कियोस्क लगाने होंगे, जहां लोग जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे और दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे। इसका मतलब है कि सरकार ऐसे सेंटर बनाएगी, जहां लोग कंप्यूटर की मदद से अपने कागजात जमा करा सकेंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) आशीष चंद्र वर्मा

क्या है नई व्यवस्था?

नई व्यवस्था में एक और खास बात होगी। एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर उन संपत्तियों की सूची होगी, जिन्हें बेचा नहीं जा सकता। इन संपत्तियों में वे संपत्तियां शामिल होंगी, जिन पर नगर निगम ने अवैध निर्माण के चलते रोक लगा रखी है। इसके अलावा विवादित संपत्ति, खाली संपत्ति, ग्राम सभा की जमीन और वक्फ संपत्ति भी इस सूची में शामिल होगी। इससे लोगों को पता चल सकेगा कि कौन सी संपत्ति खरीदना सुरक्षित नहीं है।

कब लागू होगा?

वर्मा ने यह भी कहा कि यह परियोजना नई सरकार की प्राथमिकता है और इसे इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। दिल्ली में पहले से ही नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिए सेल पेपर, पावर ऑफ अटॉर्नी, वसीयत और 25 अन्य तरह के दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन होता है। अब यह सॉफ्टवेयर एमसीडी के ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ जाएगा। इससे सब-रजिस्ट्रार ऑनलाइन यह देख सकेंगे कि जिस प्रॉपर्टी के कागजात उनके पास लाए गए हैं, उस पर कोई कर्ज या विवाद तो नहीं है। साथ ही नगर निगम रियल टाइम में प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का रिकॉर्ड भी देख सकेगा।

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