Bihar News : प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति ली जाएगी। इससे कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी। जबकि शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति पहले से ली जा रही है।
प्रदेश के सभी 538 ब्लॉकों में विद्यार्थियों के लिए आवासीय कैरियर सेंटर खोले जाएंगे। इनमें सरकारी स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराएंगे।
इसी तरह सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5, 6 से 8 और 9 से 11 के विद्यार्थियों के लिए रचनात्मक लेखन कौशल विकसित करने के लिए मासिक पत्रिकाएं प्रकाशित की जाएंगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने यह जानकारी दी। वे लाइव कार्यक्रम ‘शिक्षा की बात: हर शनिवार’ में राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
कोचिंग में सरकारी शिक्षक पढ़ाते दिखे तो कार्रवाई होगी
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा कोई सरकारी स्कूल नहीं होगा, जहां हर विषय और उसमें पढ़ाए जाने वाली भाषा के शिक्षक न हों। अगर किसी स्कूल में किसी विषय का शिक्षक नहीं है, तो वहां पड़ोसी स्कूल के शिक्षक उस विषय को पढ़ाने जाएंगे।
कोचिंग में सरकारी शिक्षक पढ़ाते नजर आए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली से पांचवीं, छठी से आठवीं और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रकाशित मासिक पत्रिका हर महीने हर स्कूल की लाइब्रेरी में नियमित रूप से उपलब्ध रहेगी।
इसे न सिर्फ विद्यार्थी पढ़ेंगे, बल्कि शिक्षक भी इसे पढ़कर विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे। नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए प्रकाशित पत्रिका में विद्यार्थियों के लिए करियर गाइडेंस भी होगी।
नवाचार और आविष्कार में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को हर संभव मदद दी जाएगी। शिक्षक बच्चों को मानचित्र भी पढ़ाएंगे। इसके लिए हर स्कूल का एटलस उपलब्ध कराया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन से लेकर सेंटअप परीक्षा तक का कैलेंडर होगा
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मिल बैठकर रजिस्ट्रेशन से लेकर सेंटअप परीक्षा तक का कैलेंडर बनाएगी। कैलेंडर ऐसा होगा कि स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। 10वीं कक्षा पास करने के बाद विद्यार्थी उसी स्कूल में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई करेंगे। लेकिन, जो लोग दूसरे स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं, उन्हें टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) मिलेगा।