Bihar Politics : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की तारीफ की।
चिराग ने कहा- उस परिवार से हमारा गहरा रिश्ता रहा है। मेरे पिता रामविलास पासवान और लालू प्रसाद एक दूसरे के साथ रहे हैं और सहयोगी रहे हैं, एक दूसरे के बराबर रहे हैं। वह पत्रकारों से बात कर रहे थे।
पत्रकारों ने जब लालू प्रसाद-तेजस्वी यादव के साथ चुनावी गठबंधन से जुड़ा सवाल पूछा तो चिराग ने इससे इनकार करते हुए कहा कि व्यक्तिगत रिश्ते को राजनीतिक रिश्ते से नहीं तौलना चाहिए, क्योंकि राजनीतिक स्तर पर लालू और तेजस्वी दूसरे ध्रुव पर हैं। ऐसे में एक मंच पर आना संभव नहीं है। उन्होंने तेजस्वी यादव को उनके बेटे के जन्म पर बधाई और शुभकामनाएं दीं।
महागठबंधन ने प्रधानमंत्री से की मांग,
बिहार को दें विशेष राज्य का दर्जा दूसरी ओर, महागठबंधन ने प्रधानमंत्री के बिहार दौरे के मकसद को चुनावी बताते हुए पूछा है कि उनके पिछले वादों और घोषणाओं पर कितना अमल हुआ। गुरुवार को सांसद मनोज झा और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के साथ सभी घटक दलों के नेताओं ने राजद के प्रदेश कार्यालय में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री से बिहार की समस्याओं पर बोलने की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि बिहार को गुजरात या किसी अन्य राज्य से जलन नहीं है, बल्कि पीड़ा है। गुजरात की तरह बिहार को भी विकास की जरूरत है। विशेष दर्जा के बिना यह संभव नहीं है। पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना चाहिए। बार-बार दौरा कर जनता को गुमराह करने की बजाय बिहार की नई पीढ़ी को बेहतर शिक्षा और रोजगार की जरूरत है।
मनोज झा ने कहा कि बिहार हम पर विश्वास करता है, इसलिए प्रधानमंत्री को पहलगाम मुद्दे के लिए खुद को दोषी ठहराकर श्रेय लेने की बजाय देश और सेना का आभारी होना चाहिए। आलोक मेहता ने बिहार में कम औद्योगिक विकास और नगण्य निवेश पर चिंता जताई। कांग्रेस के राजेश राठौर ने केंद्रीय योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की मांग की।
भाकपा (माले) के धीरेंद्र झा ने मनरेगा की मजदूरी और रसोइया, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में वृद्धि करने का आग्रह किया। भाकपा के रामबाबू ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समय-सीमा बताई जानी चाहिए।