Satuani Date 2025 : सतुआन पर्व आज, इस दिन सत्तू खाने और दान का विशेष महत्व

Satuani Date 2025 : जिले में सोमवार को सत्तू संक्रांति (सतुआनी) का पर्व मनाया जा रहा है। इसके साथ ही सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर खरमास भी समाप्त हो जाएगा। इस दिन लोग अपने-अपने कुलदेवता की पूजा करेंगे। इसके बाद आटे, सत्तू, आम के फल के साथ शीतल पेय जल और पंखा अर्पित करेंगे। इस माह का दूसरा नाम मधुमास भी है।

पितरों को तर्पण देने का महत्व

मान्यता है कि इस दिन लोग अपने पितरों को तर्पण देते हैं और अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं। इसके बाद बैसाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से भगवान बद्रीनाथ की यात्रा शुरू होगी।

बैसाखी स्नान का महत्व

पंडित प्रभात मिश्रा, पंडित नवल किशोर मिश्रा, पंडित रवि झा का कहना है कि पद्म पुराण में बैसाखी के दिन स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।

सूर्य का मेष राशि में परिवर्तन यानी मेष संक्रांति होने के कारण ज्योतिषीय दृष्टि से भी इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवार को सुबह 5:01 बजे सूर्य आश्विन नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेगा।

सत्तुआनी को लेकर जिले में चहल-पहल बढ़ गई है। इसी दिन से सौर नववर्ष भी शुरू होता है। सत्तुआनी को लेकर जिले में चहल-पहल बढ़ गई है। बाजारों में हर चौक-चौराहों पर चना सत्तू, जौ का सत्तू और मक्के का सत्तू भारी मात्रा में बिक रहा है। शहर में उत्तर प्रदेश के रहने वाले भूंजा और सत्तू विक्रेताओं द्वारा चना, जौ और मक्के का सत्तू भारी मात्रा में बेचा गया। इस दौरान रविवार को देर रात तक इन सभी दुकानों पर भीड़ लगी रही। वहीं, आज भी भारी बिक्री होने की संभावना है।

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