Traffic Challan : ट्रैफिक चालान की दरें बढ़ाने के बाद सरकार अब नियमों को और भी सख्त बनाने जा रही है। अब जो नया मसौदा तैयार किया जा रहा है, उसमें प्रस्ताव है कि अगर किसी भी ई-चालान का भुगतान तीन महीने के अंदर नहीं किया गया तो चालक का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। वहीं एक साल के अंदर खतरनाक ड्राइविंग और रेड लाइट क्रॉस करने जैसी तीन गलतियां करने वालों का लाइसेंस तीन महीने के लिए जब्त कर लिया जाएगा। सरकार इस तरह के प्रस्ताव पर इसलिए विचार कर रही है, क्योंकि करीब 40 फीसदी लोग ही ई-चालान का भुगतान करते हैं। ऐसे में चालान की वसूली बढ़ाने के लिए नियमों को सख्त बनाने की तैयारी है। इसके अलावा अगर लाइसेंस को ही खतरे के तौर पर देखा जाए तो लोगों में गाड़ी चलाने को लेकर कुछ गंभीरता भी देखी जा सकती है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि बड़े पैमाने पर ट्रैफिक चालान का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे चालान के जरिए रैश ड्राइविंग रोकने का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि जिन लोगों पर कम से कम दो चालान लंबित हैं, उनके वाहन का बीमा प्रीमियम बढ़ा दिया जाए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से वाहन अधिनियम के तहत ट्रैफिक चालान जारी करने और भुगतान करने की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी। इस अधिनियम के तहत सीसीटीवी कैमरे, स्पीड गन और स्वचालित नंबर प्लेट पंजीकरण की सुविधा शुरू की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली उन राज्यों में से एक है, जहां ट्रैफिक चालान खूब जारी हो रहे हैं, लेकिन उनकी वसूली काफी कम है।
दिल्ली में ट्रैफिक चालान की वसूली महज 14 फीसदी है, जबकि यूपी में यह आंकड़ा 27 फीसदी है। ओडिशा में यह 29 फीसदी है। इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी स्थिति ऐसी ही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कई कारणों से लोग चालान का भुगतान नहीं करते हैं या इसमें देरी करते हैं। पहला, लंबे समय तक भुगतान न करने पर किसी तरह के जुर्माने या दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। कई ऐसे वाहन हैं जिन पर एक लाख या दो लाख रुपये तक का चालान बकाया है।