भारत में सोना सिर्फ एक कीमती धातु नहीं, बल्कि भावनाओं, परंपराओं और निवेश का प्रतीक माना जाता है। मगर बीते कुछ दिनों से सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है। गुरुवार, 15 मई 2025 को लगातार चौथे दिन सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशक और आम लोग दोनों चौंक गए हैं।
सोने की कीमत में गिरावट का कारण क्या है?
सोने के दामों में आई गिरावट केवल घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों से भी जुड़ी है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार तनाव में नरमी, रूस-यूक्रेन युद्ध में कूटनीतिक प्रगति और भारत-पाकिस्तान संबंधों में अपेक्षित सुधार जैसे वैश्विक घटनाक्रमों ने निवेशकों की धारणा बदल दी है।
इसके अलावा, शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने सोने की मांग को और कमजोर किया है। जानकारों के अनुसार, जब वैश्विक माहौल स्थिर होता है तो निवेशक जोखिम लेने वाले साधनों की ओर आकर्षित होते हैं, जिससे सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की मांग घट जाती है।
बाजार विशेषज्ञ रमेश अग्रवाल कहते हैं, “वर्तमान माहौल में निवेशक मुनाफा काटने के उद्देश्य से सोना बेच रहे हैं, जिससे कीमतों में और गिरावट देखने को मिल रही है।”
सोने-चांदी के ताज़ा रेट (15 मई 2025)
गुरुवार को 24 कैरेट सोना जहां 94,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक आ गया, वहीं 22 कैरेट सोना लगभग 86,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और नोएडा जैसे शहरों में 24 कैरेट सोना 94,080 रुपये में और मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में 93,930 रुपये में कारोबार करता रहा।
शहर का नाम | 22 कैरेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट (₹/10 ग्राम) |
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दिल्ली | 86,250 | 94,080 |
मुंबई | 86,100 | 93,930 |
चेन्नई | 86,100 | 93,930 |
कोलकाता | 86,100 | 93,930 |
लखनऊ | 86,250 | 94,080 |
चांदी का भी घटा भाव
चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है। 15 मई को एक किलोग्राम चांदी का दाम 97,000 रुपये रहा, जो कि पिछले दिन के मुकाबले 900 रुपये कम है।
सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?
भारत में सोने की कीमतें वैश्विक बाजारों, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, सरकारी आयात शुल्क, और घरेलू मांग के अनुसार तय होती हैं। शादी-ब्याह और त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने से भाव ऊपर जाते हैं, वहीं वैश्विक स्थिरता और निवेश के दूसरे विकल्प मिलने पर गिरावट आ सकती है।