Diabetes Patients : डायबिटीज में टहलना क्यों है जरूरी? जानिए कब, कैसे और कितनी देर करें वॉकिंग.

Diabetes Patients : मधुमेह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है। इसे नियंत्रित रखने के लिए दवाइयों और खानपान के साथ-साथ नियमित शारीरिक गतिविधि भी बहुत जरूरी है। मधुमेह रोगियों के लिए पैदल चलना सबसे सरल और कारगर व्यायामों में से एक है। लेकिन इसे सही समय और सही तरीके से करना बहुत जरूरी है, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।

हर दिन कितनी देर तक पैदल चलना चाहिए?

मधुमेह रोगियों को हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट तक तेज चलने की सलाह दी जाती है। यह पैदल चलना एक बार में किया जा सकता है या इसे 10-10 मिनट के तीन हिस्सों में भी बांटा जा सकता है। सप्ताह में कम से कम 5 दिन पैदल चलना आदर्श माना जाता है। पैदल चलने से न केवल ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, बल्कि इंसुलिन संवेदनशीलता भी बढ़ती है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

पैदल चलने का सही समय क्या है?

भोजन के बाद पैदल चलना मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। 15 से 30 मिनट की हल्की सैर, खासकर रात के खाने के बाद, रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ने से रोकने में मदद करती है। भोजन के कम से कम 30 मिनट बाद टहलने के लिए निकलना चाहिए, भोजन के तुरंत बाद नहीं। सुबह खाली पेट टहलना भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसमें सावधानी जरूरी है। अगर आप इंसुलिन लेते हैं या ब्लड शुगर लेवल पहले से कम है, तो मॉर्निंग वॉक से पहले हल्का नाश्ता करना उचित है।

चलने का तरीका क्या होना चाहिए?

ब्रिस्क वॉक का मतलब है ऐसी वॉक जिसमें आप सामान्य से ज़्यादा तेज़ गति से चलें, लेकिन दौड़े नहीं। चलते समय अपनी पीठ सीधी रखें, हाथों को सामान्य रूप से हिलाएं और अपनी सांस की गति को संतुलित रखें। चलते समय जूते आरामदायक और सपोर्टिव होने चाहिए, ताकि पैरों पर दबाव न पड़े। पैदल चलना मधुमेह को नियंत्रित करने का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है। सही समय पर, नियमित रूप से और सही तकनीक से चलने से आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है।

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