PM Modi Jammu And Kashmir : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 19 अप्रैल को प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर दौरा स्थगित कर दिया गया है। इस दौरे में पीएम मोदी कटरा से श्रीनगर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने वाले थे। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
खराब मौसम की चेतावनी के चलते इस दौरे को स्थगित करने का फैसला लिया गया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के श्रीनगर कार्यालय ने 18 और 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। खास तौर पर इन दो दिनों में मौसम का सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।
पीएम के दौरे को लेकर राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तैयारियां की थीं। 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन (यूएसबीआरएल) पर पहले ही मॉक ड्रिल और ट्रायल रन किए जा चुके थे। मंगलवार को इस सेक्शन पर ट्रेन का सफल ट्रायल रन किया गया।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने सघन तलाशी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया था। कठुआ, उधमपुर, रियासी और रामबन जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। इसके अलावा पुंछ जिले के लसाना के जंगलों में भी तलाशी अभियान चलाया गया।
जल्द ही नई तिथि घोषित की जाएगी
मंगलवार को ही कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक वी.के. बिरदी ने श्रीनगर में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की, जिसमें पीएम के दौरे और आगामी अमरनाथ यात्रा (जो 3 जुलाई से शुरू होगी) की तैयारियों की समीक्षा की गई।
यात्रा के दौरान दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना थी- एक श्रीनगर से कटरा और दूसरी कटरा से श्रीनगर। ये ट्रेनें उद्घाटन के दिन से ही शुरू होनी थीं। अब जबकि प्रधानमंत्री का दौरा टल गया है, तो उद्घाटन कार्यक्रम की नई तिथि का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार, मौसम अनुकूल होने के बाद प्रधानमंत्री का दौरा फिर से तय किया जाएगा।
क्यों ऐतिहासिक है यह ट्रेन सेवा
गौरतलब है कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जनवरी में कटरा और कश्मीर के बीच ट्रेन सेवा को मंजूरी दी थी। वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और इस क्षेत्र के लिए आधुनिक और कुशल रेल सेवा उपलब्ध होगी। इस ऐतिहासिक रेल सेवा के शुरू होने से कश्मीर तक सीधी रेल कनेक्टिविटी की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी। वर्तमान में घाटी में केवल संगलदान और बारामुल्ला के बीच और कटरा से देश भर के गंतव्यों के लिए ट्रेन सेवाएं संचालित होती हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर को रेल से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 1997 में शुरू हुई थी, लेकिन भूगर्भीय, भौगोलिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इसके पूरा होने में देरी हुई। इस परियोजना में कुल 119 किलोमीटर की 38 सुरंगें शामिल हैं, जिनमें सबसे लंबी टी-49 है जो 12.75 किलोमीटर लंबी है। यह देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग भी है। परियोजना में 927 पुल भी शामिल हैं जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है। इनमें प्रतिष्ठित चिनाब पुल भी शामिल है, जिसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है। इसका आर्च 467 मीटर है और यह नदी तल से 359 मीटर ऊपर है। एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा होने के कारण यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराबदार रेलवे पुल (आर्च ब्रिज) होगा।