Railway Exam Relaxations : रेलवे भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए कई पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। पहले परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों में धार्मिक प्रतीकों को धारण करने की अनुमति नहीं थी। इसकी वजह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को छिपाकर नकल करने का डर था, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती थी।
अब अभ्यर्थियों की आस्था को देखते हुए यह प्रतिबंध हटा लिया गया है। अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों में पगड़ी, हिजाब, कड़ा और क्रॉस लॉकेट जैसे प्रतीक चिन्ह पहनकर भी जा सकते हैं, बशर्ते ऐसा करने से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन न हो। रेलवे ने परीक्षा की शुचिता बनाए रखते हुए समावेशी और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के साथ अभ्यर्थियों को धार्मिक प्रतीकों के उपयोग की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
सत्यापन प्रक्रिया पहले की तरह लागू रहेगी
हालांकि, रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी धर्म या संप्रदाय से संबंधित प्रतीकों का उपयोग तभी तक अनुमन्य होगा जब तक वे सुरक्षा व्यवस्था में बाधा न बनें। परीक्षा केंद्रों पर सत्यापन प्रक्रिया पहले की तरह लागू रहेगी और उसी के तहत सत्यापन भी किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव न केवल उम्मीदवारों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करता है, बल्कि भारत की विविधता को भी मान्यता देता है।
अब तक रेलवे परीक्षा में ड्रेस कोड का कड़ाई से पालन करना होता था। किसी भी प्रकार के धार्मिक प्रतीकों और परिधानों की अनुमति नहीं थी। इससे उम्मीदवारों को आस्था और अवसर के बीच चयन करना पड़ता था। कई बार उनकी निजता और स्वाभिमान को भी ठेस पहुँचती थी। रेलवे ने आवेदन प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव किया है। भर्ती कैलेंडर में वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रणाली लागू की गई है।
वेबसाइट पर भी यह बदलाव किया गया है।
उम्मीदवारों को अब व्यक्तिगत विवरण, शैक्षिक प्रमाण पत्र, फोटो और हस्ताक्षर आदि बार-बार अपलोड नहीं करने होंगे। एक बार OTR प्रोफ़ाइल बन जाने के बाद, भविष्य में होने वाली कई रिक्तियों में उसी प्रोफ़ाइल से आवेदन किया जा सकेगा। इससे आंकड़ों की एकरूपता और गलतियों की संभावना कम होगी। रेलवे भर्ती बोर्ड की वेबसाइट को दिव्यांगजनों के अनुकूल अपडेट किया गया है।
दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को ध्यान में रखते हुए ऑडियो नेविगेशन सुविधा जोड़ी गई है। अब वेबसाइट पर मौजूद पाठ को ऑडियो रूप में भी पढ़ा जा सकेगा। इससे जिन अभ्यर्थियों को स्क्रीन पढ़ने में दिक्कत होती है, वे भी बिना किसी की मदद के जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।