How Engine Locking Systems : कार चोरी से पूरी सुरक्षा देगा ‘इंजन लॉकिंग सिस्टम’, जानिए कैसे करता है काम.

How Engine Locking Systems  : कार हमेशा से न केवल यात्रा का साधन रही है, बल्कि यह हमारी मेहनत, भावना और सुरक्षा से भी जुड़ी रही है। जरा सोचिए अगर कोई चोर मिनटों में आपकी महंगी कार चुरा ले तो आपको कैसा लगेगा? आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए कारोबारी कंपनियां और टेक्नोलॉजी कंपनियां लगातार नई सुरक्षा तकनीकें ला रही हैं। इन्हीं में से एक है इंजन लॉकिंग सिस्टम, जो आपकी कार को चोरी होने से बचाने में काफी कारगर साबित हो रहा है।

क्या है इंजन लॉकिंग सिस्टम?

इंजन लॉकिंग सिस्टम एक इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा फीचर है जो कार के इंजन को सही चाबी, कोड या अधिकृत सिग्नल न मिलने पर स्टार्ट होने से रोकता है। यानी कार तभी स्टार्ट होगी, जब उसका असली मालिक या अधिकृत व्यक्ति उसे स्टार्ट करेगा। अगर चोर कार का लॉक तोड़ भी देता है, तो वह कार स्टार्ट नहीं कर सकता। इसकी वजह से कार असली चाबी या अधिकृत सिग्नल से ही स्टार्ट होगी। चोरी की कोशिश करने पर इंजन तुरंत ब्लॉक हो जाता है। आप मोबाइल ऐप या रिमोट के जरिए दूर बैठे हुए भी इंजन को लॉक कर सकते हैं। इससे कार की लोकेशन ट्रैक करना आसान हो जाता है। इसे पुरानी कारों में भी लगाया जा सकता है।

कैसे काम करता है इंजन लॉकिंग? इंजन लॉकिंग सिस्टम कार के ECU (इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट) से जुड़ा होता है। ECU को कार का गेटकीपर समझें, जो सही पहचान मिलने तक इंजन को स्टार्ट नहीं होने देता। इसमें चाबी या स्मार्ट डिवाइस में RFID चिप होती है, जो सही सिग्नल मिलने पर ही कार स्टार्ट करती है। इसमें कार की लोकेशन रियल टाइम में जानने के लिए GPS ट्रैकर और ऐप के ज़रिए इंजन को लॉक या अनलॉक करने के लिए मोबाइल ऐप कंट्रोल होता है। इसके साथ ही

कार को चोरी से कैसे बचाएं?

केवल कार लॉक करने पर ही निर्भर न रहें, इंजन लॉकिंग का भी इस्तेमाल करें। कार पार्क करने के बाद मोबाइल ऐप से इंजन को लॉक करें। खास तौर पर अगर आप कार को सुनसान या भीड़भाड़ वाली जगह पर पार्क कर रहे हैं। अपनी कार में GPS ट्रैकर लगवाएं, ताकि किसी भी घटना के होने पर तुरंत लोकेशन को ट्रैक किया जा सके। अगर आपकी कार में इंजन लॉकिंग फीचर नहीं दिया गया है, तो आफ्टरमार्केट में इसका विकल्प जरूर देखें।

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