Shubhanshu : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर लौट सकते हैं। शुभांशु और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई को ISS से रवाना होंगे। पृथ्वी पर लौटने के बाद, उन्हें सात दिनों तक पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा।
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल शरीर को ढालने के लिए पुनर्वास प्रक्रिया आवश्यक है, क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण लगभग नगण्य होता है। पुनर्वास के दौरान, शुभांशु एक फ़्लाइट सर्जन की देखरेख में रहेंगे।
ISS गए इन अंतरिक्ष यात्रियों ने कई प्रयोग किए हैं
एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम-4 मिशन के तहत, शुभांशु 26 जून को तीन साथी अंतरिक्ष यात्रियों पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की, हंगरी के टिबोर कापू और मिशन कमांडर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के साथ ISS पहुँचे थे। ISS गए इन अंतरिक्ष यात्रियों ने कई प्रयोग किए हैं। राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) ने बताया कि तय कार्यक्रम के अनुसार, ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सोमवार, 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे आईएसएस से अलग होगा।
आईएसएस 28 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, शुभांशु और अन्य तीन अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार दोपहर 2:25 बजे अंतरिक्ष यान में सवार होंगे, अपने स्पेससूट पहनेंगे और पृथ्वी की यात्रा शुरू करने से पहले आवश्यक परीक्षण करेंगे। आईएसएस 28 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है।
अंतरिक्ष यान स्वचालित रूप से आईएसएस से अलग होने की प्रक्रिया शुरू करेगा, धीरे-धीरे धीमा होकर कैलिफ़ोर्निया में पानी में उतरने (स्प्लैशडाउन) के लिए पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करेगा। अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक कार्गो के साथ वापस लौटेगा, जिसमें नासा के हार्डवेयर और पूरे मिशन के दौरान किए गए 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है।
15 जुलाई को दोपहर 3 बजे कैलिफ़ोर्निया में उतरेगा
इसरो के अनुसार, अनडॉकिंग (अंतरिक्ष यान का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग होना) और उसके बाद की कई प्रक्रियाओं के बाद, अंतरिक्ष यान के 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे कैलिफ़ोर्निया तट के पास पृथ्वी पर उतरने की उम्मीद है।
इसरो ने कहा कि पृथ्वी पर आने के बाद, गगनयात्री शुभांशु को फ़्लाइट सर्जन की देखरेख में लगभग सात दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा ताकि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें। शुभांशु 18 दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।
शुभांशु का स्वास्थ्य अच्छा है, मनोबल भी ऊँचा है
इसरो ने कहा कि गगनयात्री शुभांशु का स्वास्थ्य अच्छा है। उनका मनोबल भी ऊँचा है। वह उत्साह से भरे हुए हैं। इसरो के फ़्लाइट सर्जन गगनयात्री के स्वास्थ्य और फिटनेस पर लगातार नज़र रख रहे हैं।
अनडॉकिंग प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया जाएगा
एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरिक्ष में गए अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के दौरान आईएसएस से अंतरायन के अलग होने या अनडॉकिंग प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया जाएगा। नासा ने इसकी घोषणा की है। नासा द्वारा शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इसका प्रसारण नासा+ पर किया जाएगा।
अनडॉकिंग के लगभग 30 मिनट बाद यह कवरेज समाप्त हो जाएगा। यह कवरेज एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स की वेबसाइट Axiom.space/live और SpaceX के माध्यम से जारी रहेगा, जिसमें ड्रैगन अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश और उसके बाद कैलिफ़ोर्निया तट पर उसके उतरने को दिखाया जाएगा।
शुभांशु ने दीर्घ सूक्ष्म शैवाल का अध्ययन किया
आईएसएस पर अपने प्रवास के 17वें दिन, शुभांशु ने दीर्घ अवधि के मिशनों में जीवन को सहारा देने में सूक्ष्म शैवाल की क्षमता का अध्ययन किया। चालक दल ने वॉयेजर डिस्प्ले स्टडी जारी रखी, जिसमें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में नेत्र गति और समन्वय का अध्ययन किया गया।
अंतरिक्ष परियोजना के लिए एकत्रित आँकड़े
इसके साथ ही, वॉयस इन स्पेस परियोजना के लिए आँकड़े एकत्रित किए गए। मानव स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए नमूने भी एकत्रित किए गए। इन अध्ययनों का उद्देश्य इस ज्ञान का विस्तार करना है कि अंतरिक्ष में रहने पर मानव शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है ताकि आगामी दीर्घकालिक मिशनों में अंतरिक्ष यात्रियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।
इसरो ने शुभांशु की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा के लिए 550 करोड़ रुपये दिए हैं
इसरो ने शुभांशु की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये दिए हैं। इस यात्रा से प्राप्त अनुभव इसरो को अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान को क्रियान्वित करने में मदद करेगा। गगनयान के 2027 में प्रक्षेपित होने की संभावना है। गगनयान मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की निचली कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद, पृथ्वी पर उनकी सुरक्षित वापसी भी की जाएगी। शुभांशु को गगनयान के लिए भी चुना गया है।