Bsnl 5g : बीएसएनएल 5जी का सभी को बेसब्री से इंतजार है और बताया जा रहा है कि इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए बीएसएनएल ने अपने 5जी के नाम की घोषणा कर दी है। बीएसएनएल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि उनके 5जी को बीएसएनएल क्यू-5जी के नाम से जाना जाएगा। यहां क्यू5जी का मतलब क्वांटम 5जी है। आपको बता दें कि बीएसएनएल ने लोगों से अपनी आने वाली 5जी सेवा के लिए नाम सुझाने को कहा था। बीएसएनएल ने अपने पोस्ट में सभी को बधाई दी और बीएसएनएल की 5जी सेवा का नाम रखने के लिए धन्यवाद दिया। बीएसएनएल ने कहा है कि “हमने मिलकर सिर्फ एक सेवा लॉन्च नहीं की है, बल्कि इतिहास लिख दिया है।”
कई लोग इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल रिचार्ज प्लान काफी महंगे कर दिए थे। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपने नंबर बीएसएनएल में पोर्ट कराना शुरू कर दिया था। इसका नतीजा यह हुआ कि बीएसएनएल लगातार दो तिमाहियों से मुनाफा दर्ज करने में सफल रही है। हालांकि, लोगों को अभी भी बीएसएनएल के नेटवर्क को लेकर काफी शिकायतें थीं, जिन्हें बीएसएनएल अपने 4जी और जल्द ही आने वाले 5जी नेटवर्क की मदद से दूर करने की कोशिश करेगी।
क्या 5G नेटवर्क से बदलेगी BSNL की स्थिति?
हाल ही में ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में संचार राज्य मंत्री पेम्मासनी चंद्रशेखर ने BSNL के 1 लाख टावर लगाने की बात कही थी। उन्होंने बताया था कि सरकारी कंपनी का उद्देश्य अपनी 4G सेवाओं को और बेहतर बनाना है। मंत्री ने कहा था कि BSNL की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए 5G सेवाएं शुरू करने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि कंपनी की 4G सेवाएं पूरी तरह से स्वदेशी सिस्टम पर आधारित हैं। हालांकि, अभी 1 लाख टावर के लिए कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है।
कब लॉन्च हो सकता है हाई-स्पीड नेटवर्क?
BSNL 5G लॉन्च की खबरें कई महीनों से सामने आ रही हैं। यह डेवलपमेंट पहली बार देखने को मिला है कि कंपनी ने खुद लोगों से इस सेवा का नाम पूछा है। कुछ महीने पहले बताया गया था कि BSNL 5G जून में लॉन्च हो सकता है। अब इस महीने आई नई जानकारी से ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में सरकार की ओर से कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है। हालांकि, ग्राहकों को बनाए रखने के मामले में बीएसएनएल को निराशा का सामना करना पड़ा है। इसके ग्राहक घट रहे हैं और कुल वायरलेस सब्सक्राइबर बेस 9 करोड़ से नीचे बना हुआ है। बीएसएनएल की तरह वीआई के ग्राहक भी घटे हैं।