Non Life Insurance : भारत में तेजी से बढ़ रहा बीमा प्रीमियम, सरकार ने जताई चिंता, जांच के आदेश.

Non Life Insurance  : भारत में बीमा लेने का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। स्विट्जरलैंड के ‘स्विस री इंस्टीट्यूट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य, कार और घर जैसे गैर-जीवन बीमा के प्रीमियम में दुनिया के मुकाबले भारत में दोगुनी दर से बढ़ोतरी होगी। हैरानी की बात यह है कि सरकार भी मानती है कि कंपनियां मनमाने तरीके से प्रीमियम बढ़ा रही हैं।

सरकार भी नाराज, जांच के आदेश

सरकार ने माना है कि स्वास्थ्य बीमा कंपनियां बेवजह प्रीमियम बढ़ा रही हैं। उसने बीमा नियामक IRDAI को इस तरह की शिकायतों की जांच करने का निर्देश दिया है:

2. बिना किसी दावे के ग्राहकों के प्रीमियम में 20-30% की बढ़ोतरी करना।

कार बीमा भी हुआ महंगा
IRDAI ने सरकार को सुझाव दिया है कि कारों के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (जो दुर्घटना में तीसरे व्यक्ति के नुकसान की भरपाई करता है) का प्रीमियम 18% से बढ़ाकर 25% किया जाना चाहिए। कंपनियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में दावों में बढ़ोतरी की वजह से उन्हें घाटा हो रहा है।

कंपनियों के ‘खेल’ से परेशान लोग

– छोटे शहरों में इलाज सस्ता है, फिर भी वहां प्रीमियम महानगरों जितना ही बढ़ाया जा रहा है।

– जिन्होंने कभी क्लेम नहीं लिया, उनका प्रीमियम भी 20-30% तक बढ़ा दिया जाता है।

– कुछ कंपनियां बीमा लेने के बाद होने वाली बीमारियों के इलाज पर सीमा लगा देती हैं।

– सरकारी कंपनियां 100% क्लेम मंजूर करती हैं, वहीं निजी कंपनियां 25-30% क्लेम खारिज कर देती हैं।

गैर-जीवन बीमा के अंतर्गत क्या आता है?

स्वास्थ्य, फसल, कार/बाइक, घर/दुकान में आग, यात्रा और फैक्ट्री बीमा इस श्रेणी में आते हैं।

भारत समेत 10 देशों का तीन भागों में किया गया अध्ययन

रिपोर्ट में भारत समेत 10 देशों में गैर-जीवन बीमा प्रीमियम को लेकर तीन भागों में अध्ययन किया गया। सबसे पहले वर्ष 2019-2023 के बीच बीमा प्रीमियम में हुई बढ़ोतरी। उसके बाद दूसरा नंबर वर्ष 2024 में बीमा प्रीमियम का आंका गया। तीसरा, वर्ष 2025 और 2026 में बीमा प्रीमियम में वृद्धि का अनुमान लगाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-23 के बीच वैश्विक स्तर पर प्रीमियम में 3.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से वृद्धि हुई, जबकि भारत में यह दर 4 प्रतिशत रही। वहीं, 2024 में वैश्विक स्तर पर प्रीमियम में 4.3 प्रतिशत और भारत में करीब 6.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है, लेकिन यह प्रवृत्ति यहीं नहीं रुकती दिख रही है। रिपोर्ट में बीमा प्रीमियम में 2025 में 8.0 प्रतिशत और 2026 में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जो वैश्विक औसत वृद्धि अनुमान 4.1 प्रतिशत से दोगुना से भी अधिक है। इसका मतलब यह है कि भारत में बीमा लाभ लेने के लिए लोगों को अधिक भुगतान करना होगा।

चीन में वृद्धि हमारी दर से आधी रहने की उम्मीद है
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया एक उभरता हुआ बाजार है, जिसमें भारत की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए वर्ष 2025-26 में एशिया के भीतर औसत बीमा प्रीमियम में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यानी भारत में औसत प्रीमियम वृद्धि एशिया की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि चीन में यह वृद्धि 4.1 प्रतिशत की दर से होने की उम्मीद है।

दुनिया के प्रमुख देशों में गैर-जीवन बीमा प्रीमियम में अनुमानित वृद्धि (वर्ष 2025-26)

अमेरिका 1.8

कनाडा 2.1

फ्रांस 2.3

जर्मनी 1.1

इटली 1.7

यूके 0.7

ऑस्ट्रेलिया 4.2

जापान 0.5

भारत 8.8

चीन 4.1

प्रीमियम में वृद्धि क्यों हो रही है?

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में बीमा बाजार तेजी से बढ़ रहा है और भारत इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन यहां कंपनियों के ऊंचे दावों और खर्चों के कारण प्रीमियम बढ़ता जा रहा है। नतीजा: आम आदमी को सुरक्षा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।

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