ITR Filing : ITR फाइलिंग शुरू इन 10 गलतियों से बचें, वरना रिफंड की जगह आएगा नोटिस!

ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार सरकार ने ITR फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं, जिसकी वजह से ITR फाइलिंग देरी से शुरू हुई है। इसी वजह से सरकार ने ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर (ITR फाइल करने की आखिरी तारीख) कर दी है। अगर आप भी ITR फाइल कर रहे हैं या करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। लोग अक्सर ITR फाइल करते समय ये 10 गलतियां करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें रिफंड की जगह नोटिस मिलता है।

ITR फाइल करते समय आपको नाम, पता, जन्मतिथि, ईमेल, मोबाइल नंबर समेत सभी पर्सनल डिटेल्स ध्यान से भरनी चाहिए। अगर इनमें कोई गलती हुई तो ITR रिजेक्ट भी हो सकता है।

अगर आप रिफंड क्लेम नहीं कर रहे हैं, तो भी आपको अपने बैंक अकाउंट की सही डिटेल्स देनी जरूरी है। ई-रिटर्न फाइल करते समय आपको अपने बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, IFSC कोड और MICR कोड चेक करके सही से भरना चाहिए।

कई लोग ITR फाइल करते समय अपने सभी बैंक अकाउंट की डिटेल्स नहीं देते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करना गैरकानूनी है। आयकर विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि करदाताओं को अपने सभी बैंक खातों का ब्योरा देना होगा।

आपकी आय के बारे में आपके फॉर्म 26AS में दर्ज टीडीएस विवरण आपके आईटीआर फॉर्म में उल्लेखित होना चाहिए। कई लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे उन्हें बाद में परेशानी होती है।

कई लोगों को लगता है कि कम आयकर भरने का सबसे अच्छा तरीका कम आय दिखाना है। ऐसे में कई लोग अपनी पूरी आय नहीं दिखाते हैं और उससे पैसे बचा लेते हैं। जैसे कई बार लोग अपनी ब्याज या पूंजीगत लाभ आय को छिपाने की कोशिश करते हैं। आपको बता दें कि यह टैक्स चोरी है, जो कि गैरकानूनी है, इसलिए ऐसी गलती बिल्कुल न करें।

इस साल आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म में कई बदलाव किए हैं। अलग-अलग तरह के आईटीआर फॉर्म हैं, जिनमें से आपको अपना फॉर्म चुनना होगा। कारोबारियों के लिए अलग फॉर्म है। आईटीआर फाइल करते समय सही फॉर्म भरना जरूरी है।

सरकार ने कई बार आईटीआर फॉर्म में बदलाव किए हैं। इस साल भी कई बदलाव हुए हैं। अब अगर आपको इनके बारे में जानकारी नहीं है तो आप ITR फाइल करते समय कुछ न कुछ गलती जरूर कर सकते हैं। ऐसे में फॉर्म को गलत पढ़ना या उसके बारे में पूरी जानकारी न होना भी एक गलती है।

अपनी आय की सही गणना करने के लिए आपको ई-फाइलिंग करते समय फॉर्म में सभी कॉलम ध्यान से भरने चाहिए। नहीं तो आपकी आय की गणना गलत हो सकती है और आपका टैक्स कम या ज्यादा हो सकता है।

ज्यादातर लोग अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए 31 दिसंबर तक का इंतजार करते हैं। याद रखें, इससे दो तरह के नुकसान हो सकते हैं। पहला, अगर आप आखिरी समय में कोई गलती करते हैं तो सुधार की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। वहीं, अगर आपका रिफंड मिलने वाला है तो वह देरी से मिलेगा। हर महीने आपको अपने रिफंड पर आयकर विभाग से 0.5% का साधारण ब्याज मिलता है, जो FD दर से भी कम है। अगर आपको जल्दी रिफंड मिल जाता है तो आप उस पैसे को कहीं निवेश कर सकते हैं।

रिटर्न दाखिल करने के बाद उसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चेक करना बहुत जरूरी है। जब तक आपका रिटर्न चेक नहीं हो जाता, तब तक रिफंड प्रक्रिया अधूरी रहती है। आपको आयकर रिटर्न दाखिल करने के तुरंत बाद इसकी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी जांच कर लेनी चाहिए।

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