उत्तर प्रदेश में संपत्ति खरीदने वाली महिलाओं के लिए एक नई राहत योजना की घोषणा की गई है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में संपत्ति के रजिस्ट्री के दौरान स्टांप शुल्क में महिलाओं को मिलने वाली छूट अब और भी अधिक हो गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को प्रॉपर्टी के लेन-देन में सस्ती सुविधा प्रदान करती है, बल्कि डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के साथ ही रजिस्ट्री प्रक्रिया को भी सरल बनाएगी।
स्टाम्प शुल्क पर छूट का ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार को एक अहम घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए स्टांप शुल्क में छूट का दायरा बढ़ाने की बात कही। अब महिलाओं को एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए स्टाम्प शुल्क में 1% की छूट मिलेगी। यह छूट पहले सिर्फ 10 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी के लिए ही उपलब्ध थी। इस कदम से महिलाओं को संपत्ति खरीदने में एक बड़ी वित्तीय राहत मिलेगी और संपत्ति लेन-देन की प्रक्रिया भी अधिक सुलभ होगी।
पंजीकरण शुल्क में राहत
मुख्यमंत्री ने पैतृक संपत्तियों के विभाजन और रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकतम 5,000 रुपये का शुल्क लगाने का भी निर्देश दिया है। इससे छोटे और मंझले किसानों और परिवारों को अपनी संपत्ति के लेन-देन में राहत मिलेगी। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक संपत्तियों का बंटवारा करते समय बैंकों या सरकारी अधिकारियों के पास दस्तावेज़ों की पंजीकरण प्रक्रिया में आने वाली परेशानियों से जूझ रहे थे।
डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दिया है। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे रजिस्ट्री कार्यालयों का बुनियादी ढांचा सुधारें और सभी सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटल बनाएं। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि रजिस्ट्री के कार्यों में गति भी आएगी, जिससे लोगों को समय की बचत होगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं कम होंगी।
स्टाम्प ड्यूटी और टैक्स
उत्तर प्रदेश में संपत्ति के लेन-देन पर स्टाम्प ड्यूटी की दरें 5% से लेकर 7% तक होती हैं, जो संपत्ति के बाजार मूल्य या सर्किल दर पर निर्भर करती हैं। राज्य सरकार ने रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति के लेन-देन पर शुल्क में बड़ी छूट देने की भी योजना बनाई है। इससे संपत्ति की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया अधिक सस्ती और सुगम हो जाएगी।