Safety Audit Of Multi Storey Buildings : यूपी के 33 शहरों में 10 साल पुरानी बहुमंजिला इमारतों का सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य.

Safety Audit Of Multi Storey Buildings : उत्तर प्रदेश के 33 शहरों में 10 साल पुरानी बहुमंजिला इमारतों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है। इसे बिल्डिंग बायलॉज में शामिल किया गया है। पहली बार बायलॉज में सुरक्षा को अहमियत दी गई है। सेफ्टी ऑडिट की जिम्मेदारी संबंधित बिल्डर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की होगी। अगर वे इसे नहीं कराते हैं तो विकास प्राधिकरण आरडब्ल्यूए और बिल्डर के खर्च पर सेफ्टी ऑडिट कराएगा। इसे तीन जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पास किया जा चुका है।

प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास बायलॉज और मॉडल जोनिंग रेगुलेशन को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी। अभी तक यूपी में समूह बहुमंजिला इमारतों की सेफ्टी जांच का प्रावधान नहीं था। हादसों को देखते हुए सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया है। बहुमंजिला इमारतों का सेफ्टी ऑडिट बिल्डिंग बायलॉज में जोड़ दिया गया है। जो भी इमारत अपने निर्माण के 10 साल पूरे कर लेगी, उसका सेफ्टी ऑडिट बिल्डर और आरडब्ल्यूए को कराना होगा। ऐसा न करने पर विकास प्राधिकरण सेफ्टी ऑडिट कराएगा। इसका खर्च बिल्डर और आरडब्ल्यूए से वसूला जाएगा।

इस साल लखनऊ में 150 इमारतों का सेफ्टी ऑडिट कराना होगा

बिल्डिंग बायलॉज में सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य होने के बाद लखनऊ में बड़ी संख्या में बहुमंजिला इमारतें भी इसके दायरे में आ गई हैं। एलडीए के अधीन कुल 58 अपार्टमेंट और बहुमंजिला इमारतें हैं। निजी क्षेत्र में 218 बहुमंजिला इमारतें हैं। कुल 276 बहुमंजिला इमारतें पांच से 40 साल पुरानी हैं। आने वाले दिनों में इनका सेफ्टी ऑडिट कराना होगा। करीब 150 भवन स्वामियों को इस साल ऑडिट कराना होगा।

एलडीए बोर्ड ने इसे पहले ही पास कर दिया था लेकिन शासन से मंजूरी नहीं मिली

एलडीए ने पिछले साल ही बहुमंजिला इमारतों का सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया था। अलाया अपार्टमेंट और ट्रांसपोर्ट नगर की व्यावसायिक बिल्डिंग गिरने के बाद प्राधिकरण ने इसका प्रस्ताव तैयार किया था। बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यह कदम सख्ती से उठाया जा रहा है। इसका प्रस्ताव भी प्राधिकरण के बोर्ड ने 13 सितंबर 2024 को पास कर दिया था। बोर्ड ने पांच साल में 15 मीटर या इससे अधिक ऊंचाई वाली हर बहुमंजिला इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्णय लिया था। शासन से इसे मंजूरी नहीं मिली। इसलिए इस पर अमल नहीं हो सका। कम जमीन पर अधिक निर्माण की सुविधा कारगर प्रदेश सरकार ने शहरों में कम जमीन पर अधिक निर्माण की अनुमति दे दी है।

प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद ने शुक्रवार को उप्र विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा मॉडल जोनिंग विनियमावली को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। अब इसे प्राधिकरण लागू करेंगे और इसके आधार पर नक्शा पास होगा। नए भवन विकास उपविधि को लागू करने के लिए पूर्व में जारी 20 शासनादेशों को समाप्त कर इसमें शामिल कर लिया गया है। पेट्रोल पंप खोलने में आ रही बाधाएं दूर कर दी गई हैं। आठ विशेषज्ञ कंपनियां पंजीकृत सुरक्षा ऑडिट के लिए एलडीए ने आठ विशेषज्ञ कंपनियों का पंजीकरण कराया है। इनमें वायर कंसलटेंसी, कॉर्टेक्स कंस्ट्रक्शन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, आईआर क्लास सिस्टम एंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, कैपस्टोन कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। लिमिटेड, पीएनजी प्लानिंग स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड, क्यूए टेस्टिंग लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड, ब्यूरो वेरिटास (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और आदर्श कंसल्टेंसी।

ढाई साल में दो हादसे, 11 लोगों की गई जान

वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट 24 जनवरी 2023 को अचानक ढह गया। इसमें एक दर्जन से अधिक लोग दब गए। तीन लोगों की मौत हो गई। आठ सितंबर 2024 को ट्रांसपोर्ट नगर में एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स ढह गया। आठ लोगों की मौत हो गई।

एलडीए की एक बिल्डिंग असुरक्षित, दो कमजोर

आईआईटी कानपुर द्वारा कराए गए ऑडिट में नंदा खेड़ा कॉम्प्लेक्स की बिल्डिंग सबसे असुरक्षित पाई गई। एलडीए ने जोन सात चौक के अमृत लाल नगर ऑडिटोरियम का सेफ्टी ऑडिट अपने पैनल आर्किटेक्ट से कराया है। यह बिल्डिंग 70 फीसदी सुरक्षित और 30 फीसदी खराब पाई गई है। स्टेशन रोड स्थित विकास दीप बिल्डिंग की ऑडिट रिपोर्ट में ज्यादा दिक्कतें नहीं हैं। इसमें जिस हिस्से में ईंट की चिनाई की गई है, वह कमजोर पाया गया है। इसमें भी सुधार किया जाएगा।

सुरक्षा ऑडिट के लिए नियम बनाए गए

– बिल्डिंग के इस्तेमाल के 10वें साल में पहली बार रजिस्टर्ड स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सुरक्षा ऑडिट करवाना होगा

– हर पांचवें साल ऑडिट करवाना होगा, इसका रिकॉर्ड और रिपोर्ट अथॉरिटी को देनी होगी

– अगर बिल्डिंग में दरारें या खतरे के निशान हैं तो बिल्डर-आरडब्ल्यूए, जिसके पास भी मालिकाना हक है, उसे तुरंत ऑडिट करवाना होगा

– बिल्डिंग और 50 मीटर से ऊंची इमारतों का ऑडिट सिर्फ एक्सपर्ट स्ट्रक्चरल इंजीनियर ही कर सकेंगे

– अगर बिल्डिंग में सुरक्षा और स्थिरता से जुड़े खतरे हैं तो अथॉरिटी मालिक, बिल्डर और आरडब्ल्यूए से तय समय में इसे दुरुस्त करवाएगी

– बिल्डिंग मालिक को इसे मजबूत और फिर से बनवाना होगा

– अगर तय समय में इसे दुरुस्त नहीं किया जाता

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