Night High Court Directive : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस को एक ऐसे व्यक्ति के घर देर रात तक जाने से रोक दिया है, जिसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार दशम की खंडपीठ ने समुंदर पांडेय की आपराधिक रिट याचिका पर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार, प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर और संबंधित एसएचओ को नोटिस जारी कर पुलिस को रात में ‘बेवक्त’ घर जाने से रोक दिया है। साथ ही मामले को 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
खंडपीठ ने खड़क सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के चर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। इसमें माना गया था कि पुलिस मनमाने ढंग से हिस्ट्रीशीटर आदि के घर बेवक्त नहीं जा सकती। याचिका में याची की हिस्ट्रीशीट खोलने को चुनौती दी गई है।
कहा गया है कि हिस्ट्रीशीट अप्रासंगिक सामग्री पर आधारित है इससे उनके निजता के अधिकार का हनन हो रहा है और उनके परिवार के सदस्यों को मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए ज्यादातर देर रात को छापेमारी करती है। हाफ एनकाउंटर और एनकाउंटर की ज्यादातर घटनाएं भी रात में ही हुई हैं। इन्हें लेकर कई बार अपराधियों के परिवार के सदस्यों ने घर पर आकर अपराधियों को उठा लेने का आरोप भी लगाया है। माना जा रहा है कि देर रात कार्रवाई करने से पुलिस को ज्यादा विरोध का सामना नहीं करना पड़ता है।
छापेमारी के दौरान अगर अपराधी घर पर मिल जाता है तो उसे उठा लिया जाता है। नहीं मिलने पर पुलिस परिवार के सदस्यों को धमकाती है। अगर यह सब दिन में होता है तो भीड़ जमा हो सकती है और लोग वीडियो आदि बनाकर वायरल कर सकते हैं। अब नए निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि पुलिस को इसी हिसाब से अपनी कार्रवाई को अंजाम देना होगा।