Afghanistan Earthquake : अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में देर रात तेज़ झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी ज़्यादा थी कि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। इस दौरान 622 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। वहीं, भूकंप का असर पाकिस्तान और भारत में भी देखने को मिला।
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, कल रात अफ़ग़ानिस्तान समेत दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई है।
622 लोगों की मौत
अफ़ग़ान नंगरहार जन स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने भी भूकंप की पुष्टि की है। रहीमी का कहना है कि भूकंप के तेज़ झटकों से कई घर ढह गए। शुरुआत में 9 लोगों के मरने और 15 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी। लेकिन, अब 622 लोगों के मारे जाने और 1,500 से ज़्यादा लोगों के घायल होने की आशंका है। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतकों और घायलों की संख्या बहुत ज़्यादा है। हालाँकि, उस इलाके तक पहुँचना बहुत मुश्किल है। हमारी टीम मौके पर मौजूद है।
भूकंप कब आया?
यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में ज़मीन से 8 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया है। यह भूकंप रविवार-सोमवार की रात 12:47 बजे आया। अफ़ग़ानिस्तान के अलावा, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
दिल्ली एनसीआर तक महसूस किया गया असर
भूकंप का असर दिल्ली एनसीआर तक महसूस किया गया। आधी रात को अचानक धरती हिलने से कई लोग अपने घरों से बाहर भागे। लोगों में दहशत का माहौल था। हालाँकि, अफ़ग़ानिस्तान की तुलना में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके हल्के थे, जिससे जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
भूकंप क्यों आता है?
आपको बता दें कि हिंदुकुश पर्वतीय क्षेत्र में टेक्टोनिक गतिविधियाँ बहुत सक्रिय हैं। भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के खिसकने के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इससे पहले 2 अगस्त को इसी क्षेत्र में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र ज़मीन से 87 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया था। 6 अगस्त को भी यहाँ 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।