Pradhanmantri Jan Aushadi Kendra : प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMBJP) की मुख्य बातें.

Pradhanmantri Jan Aushadi Kendra : देश में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों (पीएम जन औषधि केंद्र) पर मिलने वाली सस्ती दवाओं की माँग तेज़ी से बढ़ी है और सरकार की इस पहल से देशवासियों को काफ़ी फ़ायदा हुआ है। दरअसल, सरकार ने संसद में बताया कि पीएम जन औषधि केंद्रों की वजह से पिछले 11 सालों में नागरिकों को लगभग 38,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 30 जून, 2025 तक देश भर में 16,912 जन औषधि केंद्र (JAK) खोले जा चुके हैं।

उन्होंने कहा, “इस योजना के परिणामस्वरूप पिछले 11 सालों में ब्रांडेड दवाओं की तुलना में नागरिकों को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराकर लगभग 38,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।”

दवाइयाँ 50-80% तक सस्ती
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर मिलने वाली दवाइयाँ बाज़ार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं से लगभग 50-80 प्रतिशत सस्ती हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध हैं और इसलिए उन पर भारी छूट भी मिलती है। जो दवा आप किसी सामान्य मेडिकल स्टोर से ₹100 में खरीदते हैं, वही दवा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर ₹20 तक में मिल जाती है।

केंद्र सरकार द्वारा देश भर में विभिन्न स्थानों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराना और उन्हें महंगी व ब्रांडेड दवाओं के बोझ से बचाना है।

25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमानों के अनुसार, इस योजना ने परिवारों द्वारा किए जाने वाले कुल स्वास्थ्य व्यय को 2014-15 के 62.6 प्रतिशत से घटाकर 2021-22 में 39.4 प्रतिशत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अनुप्रिया पटेल ने कहा, “जन औषधि दवाओं की पहुँच को और बढ़ाने के लिए, सरकार ने मार्च 2027 तक 25,000 नए जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में 2,110 दवाइयाँ और 315 सर्जिकल एवं चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध हैं।

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