Bihar Gramin Bank : बिहार में उत्तर और दक्षिण ग्रामीण बैंकों का विलय, 1 मई से बनेगा ‘बिहार ग्रामीण बैंक’.

Bihar Gramin Bank : बिहार के दोनों ग्रामीण बैंकों (उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक) के विलय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। 1 मई से इन दोनों बैंकों का विलय हो जाएगा और इसका नाम बिहार ग्रामीण बैंक होगा। पूरे राज्य में इसकी 2105 शाखाएं होंगी और यह बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक बैंक होगा और इसका मुख्यालय पटना में होगा।

वित्त मंत्रालय ने बिहार समेत 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के ग्रामीण बैंकों के लिए “एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक” से संबंधित गजट जारी कर दिया है। अधिसूचना में विलय होने वाले सभी 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। सभी बैंकों का विलय 1 मई से प्रभावी होगा। अधिसूचना के अनुसार, सभी नवगठित ग्रामीण बैंकों की अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ रुपये होगी। नाबार्ड, राज्य सरकारों, जम्मू-कश्मीर सरकार और प्रायोजक बैंकों के परामर्श से पूरे देश में “एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक” के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया है।

बिहार ग्रामीण बैंक की 2105 शाखाएं खुलेंगी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रदर्शन और कार्यकुशलता में सुधार लाने के उद्देश्य से विलय की प्रक्रिया शुरू की गई थी। यह बहुप्रतीक्षित योजना थी, जिसे कुल चार चरणों में पूरा किया गया है। यह विलय का चौथा चरण है।

इससे पहले तीन बार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय हो चुका है। बैंकिंग विशेषज्ञ डीएन त्रिवेदी ने बताया कि 2005 तक देशभर में 196 और बिहार में 22 ग्रामीण बैंक कार्यरत थे।

पिछले तीन विलय के बाद पूरे देश में ग्रामीण बैंकों की संख्या घटकर 43 रह गई थी। इनमें से दो बिहार के हैं। चौथे विलय के बाद अब बिहार में एक ग्रामीण बैंक और देशभर में 28 ग्रामीण बैंक हो जाएंगे।

फिलहाल 18 जिलों में कार्यरत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की 1027 शाखाएं हैं। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक 20 जिलों में फैला हुआ है और इसकी कुल 1078 शाखाएं हैं।

बिहार ग्रामीण बैंक के अंतर्गत शाखाओं की संयुक्त संख्या 2105 होगी। अब तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का प्रायोजक सेंट्रल बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक का प्रायोजक पंजाब नेशनल बैंक था।

अधिसूचना के अनुसार बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर एक इकाई बनाई जाएगी।

बिहार समेत आठ राज्यों के दो-दो ग्रामीण बैंकों का विलय कर एक बनाया जाएगा। शेष राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर हैं। उत्तर प्रदेश, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तीन-तीन ग्रामीण बैंकों का विलय कर एक इकाई बनाई जाएगी।

“ग्रामीण बैंक और उनके प्रायोजक वाणिज्यिक बैंक के खर्चे समान हैं। हालांकि, ग्रामीण बैंक का कारोबार प्रायोजक बैंक के एक तिहाई से भी कम है, जिससे व्यवहार्यता संदिग्ध हो जाती है।

ग्रामीण बैंक का उसके प्रायोजक बैंक के साथ विलय ही मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एकमात्र समाधान है।” – डीएन त्रिवेदी, राष्ट्रीय संयोजक, यूनाइटेड फोरम ऑफ रूरल बैंक यूनियन्स

उत्तर प्रदेश

बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का विलय करके उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। बैंक ऑफ बड़ौदा इसका प्रायोजक बैंक होगा।

बंगाल

पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का विलय करके बांग्ला ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक इसका प्रायोजक होगा और इसका मुख्यालय कोलकाता में होगा।

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