Ghaziabad Construction Bylaws : विशेष सचिव राजेश कुमार राय ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधि एवं मॉडल जोनिंग विनियमावली 2025 को लागू करने का शासनादेश जारी कर दिया।
इसका लाभ जीडीए समेत आवास विकास परिषद के हजारों आवंटियों को मिलेगा। नए उपविधि के अनुसार अब ग्रुप हाउसिंग और एक हजार वर्ग मीटर में मकान में दुकान खोलने को भी नियमानुसार मंजूरी दे दी गई है।
शहर में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) ढाई से पांच होने पर ऊंची इमारतें भी बनाई जा सकेंगी। मकान निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की अनिवार्यता खत्म होने से अब लोग सेटबैक को छोड़कर पूरे भूखंड पर मकान बना सकेंगे। इसके साथ ही छोटे भूखंडों पर अपार्टमेंट बनाए जा सकेंगे।
इसका फायदा मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को होगा, जो कम बजट में मकान बना सकेंगे, जिसके निर्माण की प्रक्रिया भी आसान होगी। शासनादेश के अनुसार नौ मीटर चौड़ी सड़क पर बिना बेड वाला अस्पताल और प्राइमरी स्कूल तथा सड़क किनारे 12 मीटर की सड़क पर पांच हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज व तकनीकी संस्थान का निर्माण किया जा सकेगा।
शासनादेश के अनुसार औद्योगिक इकाइयों और अस्पतालों को पूर्णता प्रमाण पत्र देने की तिथि से 10 वर्ष के भीतर भवन का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। इसके अलावा आवासीय परिसरों में दुकानों को भी मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके लिए 90 मीटर के भूखंड और सामने नौ मीटर चौड़ी सड़क पर दुकानों का निर्माण किया जा सकेगा। भूखंड बड़ा होने पर सड़क की चौड़ाई 12 मीटर होनी चाहिए।
एक हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग नए बायलॉज के अनुसार अब एक हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग की जा सकेगी। पहले इसके लिए दो हजार वर्ग मीटर की अनिवार्यता थी। पुराने शहरी क्षेत्र (निर्मित क्षेत्र) में एक हजार वर्ग मीटर और अन्य क्षेत्रों में 1500 वर्ग मीटर के भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग की अनुमति होगी।
औद्योगिक इकाइयों के लिए 300 की जगह 150 वर्ग मीटर तथा अस्पताल व शॉपिंग मॉल के लिए 20 हजार वर्ग मीटर की जगह 3 हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर निर्माण किया जा सकेगा। अब नए बायलॉज के अनुसार प्रथम तल पर पार्किंग यानी स्टिल्ट पार्किंग को भी मंजूरी दे दी गई है। लोग अपने घरों में इसका निर्माण कर सकेंगे। अब 100 फीसदी बेसमेंट निर्माण की सुविधा भी मिलेगी।
भवन निर्माण के लिए 15 दिन में विभाग देंगे एनओसी
सरकारी विभागों को अब भवन निर्माण के लिए सात से 15 दिन में एनओसी देनी होगी। देरी होने पर स्वत: ही एनओसी मिल जाना माना जाएगा। वहीं, 100 वर्ग मीटर आवासीय व 30 वर्ग मीटर व्यवसायिक भवन निर्माण के लिए सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
मास्टर प्लान में आवासीय भू उपयोग के तहत 300 वर्ग मीटर के भूखंड पर एकल आवासीय भवन का नक्शा तय शुल्क देकर पास किया जाएगा। इसके अलावा स्वीकृत लेआउट वाले क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर आवासीय और 200 वर्ग मीटर व्यावसायिक भवन निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त आर्किटेक्ट द्वारा बनाए गए मानचित्र को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत पास किया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और समय की भी बचत होगी।
नए उपनियमों में कुछ खास
पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक समान भवन निर्माण नियम
ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पैनल और वर्षा जल संचयन अनिवार्य
आपदा से सुरक्षित और दिव्यांगों के अनुकूल भवन डिजाइन
मानचित्र ऑनलाइन पास कराने की सुविधा
जनता से 30 दिन में मांगे सुझाव और आपत्तियां
ये नियम छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक लागू होंगे