Msme Pli Scheme Government : भारत सरकार ने श्वेत वस्तुओं, विशेष रूप से एयर कंडीशनर (एसी) और एलईडी लाइटों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई योजना) के तहत आवेदन विंडो को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। यह आवेदन विंडो 15 सितंबर 2025 से 14 अक्टूबर 2025 तक 30 दिनों के लिए खोली जा रही है।
आवेदन विंडो को फिर से क्यों खोला गया?
उद्योग जगत की बढ़ती रुचि और अधिक निवेश की इच्छा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पीएलआई योजना के तहत भारत में एसी और एलईडी लाइटों के प्रमुख पुर्जों के निर्माण में आई तेजी और उद्योग जगत के बढ़ते विश्वास ने सरकार को यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है।
आवेदन कैसे करें
इसके लिए आप ऑनलाइन पोर्टल https://pliwg.dpiit.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं।
कौन आवेदन कर सकता है?
नई कंपनियां, जो पहली बार इस योजना में शामिल होना चाहती हैं।
पहले से चयनित लाभार्थी, जो अब अधिक निवेश करना चाहते हैं या उच्च लक्ष्य खंडों में जाना चाहते हैं।
समूह कंपनियां, जो किसी भिन्न लक्ष्य खंड में आवेदन करना चाहती हैं।
हालाँकि, इसके लिए उन्हें योजना की पात्रता शर्तों (पैरा 5.6) और निवेश समय-सीमा (परिशिष्ट-1 या 1A) का पालन करना होगा।
लाभ सीमित अवधि के लिए उपलब्ध होंगे
इस चौथे दौर में चयनित कंपनियों को शेष योजना अवधि के लिए ही पीएलआई का लाभ मिलेगा। नई कंपनियों और जीपी-2 श्रेणी (मार्च 2023 तक) से उच्च श्रेणी में जाने वाले लाभार्थियों को अधिकतम दो वर्षों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, जो जीपी-1 श्रेणी (मार्च 2022 तक) से ऊपर जाना चाहते हैं, उन्हें केवल एक वर्ष के लिए लाभ मिलेगा।
यदि कोई मौजूदा लाभार्थी किसी वर्ष अपने नए निवेश या बिक्री लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता है, तो वह अपनी मूल निवेश योजना के अनुसार दावा कर सकेगा। लेकिन यह सुविधा योजना अवधि में केवल एक बार ही दी जाएगी।
पीएलआई योजना के तहत 83 कंपनियों का चयन
पीएलआई योजना के तहत अब तक 83 कंपनियों का चयन किया गया है, जिन्होंने कुल ₹10,406 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इन निवेशों से भारत में एसी और एलईडी लाइटों के पुर्जों के निर्माण में भी मदद मिलेगी, जिनका निर्माण वर्तमान में देश में पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
यह योजना भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत 7 अप्रैल 2021 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देना, रोज़गार के अवसर पैदा करना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में देश की भागीदारी बढ़ाना है।
पीएलआई योजना की कुल अवधि 2021-22 से 2028-29 (7 वर्ष) तक है और इसके लिए सरकार ने ₹6,238 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।