Fake Paneer Business In Delhi : चिली पनीर, पनीर बटर मसाला और मटर पनीर का नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है। अगर पनीर के ये स्वादिष्ट व्यंजन सस्ते दामों पर मिलें, तो क्या कहने। खाइए, हम आपको रोक नहीं रहे।
लेकिन चिंता करना ज़रूरी हो गया है कि कहीं यह स्वाद सेहत पर भारी न पड़ जाए। क्योंकि भारी मुनाफ़े, सस्ते खाने और एनालॉग पनीर के सरकारी नियम की आड़ में, राष्ट्रीय राजधानी में पनीर का कारोबार तेज़ी से नकली पनीर के गोरखधंधे में तब्दील होता जा रहा है।
दिल्ली में नकली पनीर (एनालॉग) की खपत प्रतिदिन 30 टन और साल में 1100 टन से ज़्यादा बताई जाती है। आरोप है कि ज़्यादातर होटलों, रेस्टोरेंट, खासकर सड़क किनारे ढाबों, ठेलों और स्टॉल्स पर परोसे जा रहे पनीर के लज़ीज़ व्यंजन असली पनीर की बजाय इसी नकली पनीर से तैयार किए जा रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दिल्ली के उपभोक्ताओं की ओर से बड़ी संख्या में शिकायतें मिलने के बाद, केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को इस साल अप्रैल में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर नकली पनीर की बिक्री पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग करनी पड़ी थी।
बाद में, दिल्ली सरकार और एमसीडी ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की। खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी रंजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली में एनालॉग (नकली) पनीर की शिकायतें मिल रही हैं। FSSAI और विभाग लगातार कार्रवाई भी कर रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बड़ा कारोबार
वनस्पति तेल, पाम ऑयल, साइट्रिक एसिड और फ्लेवरिंग एजेंट से बना यह नकली पनीर न केवल पोषण से रहित है, बल्कि इसमें मिलाए जाने वाले ट्रांस फैट और रसायन भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। पिछले महीने, दिल्ली के करावल नगर इलाके में खाद्य सुरक्षा विभाग और दिल्ली पुलिस के संयुक्त अभियान में 600 किलो नकली पनीर जब्त किया गया था।
इसे अलीगढ़ से एक ट्रक में लादकर सीलमपुर, शाहदरा और पूर्वी दिल्ली के रेस्टोरेंट और ढाबों में सप्लाई किया जाना था। सीलमपुर के एक दूध डेयरी संचालक हाजी अशरफ खान ने बताया कि दिल्ली में असली पनीर की जितनी माँग है, उतना दूध मिलना मुश्किल है।
इसी वजह से बुलंदशहर, मेरठ और अलीगढ़ के सप्लायरों से एनालॉग पनीर के नाम पर सस्ता नकली पनीर यहाँ बड़ी मात्रा में पहुँचाया जा रहा है। असली पनीर से कोई कमाई नहीं होती, इसलिए बाज़ार में नकली पनीर ज़्यादा लोकप्रिय है। नकली पनीर हम जैसे असली पनीर बनाने वालों की प्रतिष्ठा और कमाई, दोनों को बर्बाद कर रहा है।
ऐसे बनता है नकली पनीर
नकली पनीर में दूध की जगह वनस्पति तेल, इमल्सीफायर और फ्लेवरिंग एजेंट के मिश्रण को गर्म करके जमाया जाता है। इसमें एसिड (साइट्रिक या सिरका) मिलाकर इसे ब्लॉक का आकार दिया जाता है। इसकी कीमत प्रति व्यक्ति 180-200 रुपये आती है।
जबकि एक किलो असली पनीर बनाने के लिए लगभग आठ लीटर गाय का दूध और लगभग छह लीटर भैंस का दूध चाहिए। गाय के दूध से बने पनीर की कीमत 450 रुपये और भैंस के दूध से बने पनीर की कीमत 480 रुपये तक होती है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
नकली पनीर में ट्रांस फैट और संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है। इससे हृदय रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की कमी होती है। बच्चों और बुजुर्गों में यह पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनता है और लीवर-हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
हाल की कार्रवाई
जुलाई 2025: FSSAI ने दिल्ली समेत कई राज्यों से 4000 किलो नकली पनीर जब्त किया। दिल्ली में यह कार्रवाई रेस्टोरेंट, फास्ट फूड की दिग्गज कंपनियों और बाजारों में की गई।
जुलाई 2025: दिल्ली से कटरा ले जाया जा रहा 800 किलो नकली पनीर जम्मू में जब्त किया गया।
नोएडा पुलिस ने एक नकली पनीर सप्लाई रैकेट का भंडाफोड़ किया, जो इसे दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करता था।
नोएडा पुलिस ने रेड बुल श्योर क्लीन स्टार्च, रंग, नीले रासायनिक यौगिक, पामोलिन तेल से बने 1,400 किलोग्राम से अधिक नकली पनीर जब्त किया।





