Workers Instructions Issued For Salary Payment : यूपी के लाखों संविदा कर्मियों को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने संविदा कर्मियों के ईपीएफ, ईएसआई के वेतन भुगतान को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मियों (संविदा कर्मियों) के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ ही आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता और विश्वास सुनिश्चित करेगा।
गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली तय करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेंद्रीकृत तरीके से किया जाता है, जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन कटौती, ईपीएफ/ईएसआई लाभ से वंचित रहना, पारदर्शिता का अभाव और उत्पीड़न जैसी कई शिकायतें प्राप्त होती हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी अधिनियम के तहत किया जाए।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निदेशक मंडल और महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी। मंडल और जिला स्तर पर समितियां भी बनाई जाएंगी। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्ष की अवधि के लिए किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों तथा उन्हें चयन प्रक्रिया में अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।
आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक हर माह की 5 तारीख तक खाते में
जमा हो मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक हर माह की 5 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेज दिया जाए तथा ईपीएफ व ईएसआई की धनराशि समय पर जमा हो। साथ ही ईपीएफ, ईएसआईसी व बैंकों द्वारा अनुमन्य सभी लाभ भी कार्मिकों को प्रदान किए जाएं। निगम को एक नियामक संस्था की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों के कामकाज पर नजर रखे तथा नियमों के उल्लंघन पर ब्लैक लिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी व कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे। प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिलाओं, दिव्यांगजन व भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्ण पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दिए जाने की बात भी कही है।
नियमित पदों के स्थान पर आउटसोर्सिंग सेवाएं नहीं ली जाएंगी
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नियमित पदों के स्थान पर आउटसोर्सिंग सेवाएं न ली जाएं। चयन के बाद किसी भी कार्मिक को तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय जोड़ेगा। इससे न केवल प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता में भी वृद्धि होगी।





