Patna High Court : पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में फेल उम्मीदवारों को अंतरिम राहत.

Patna High Court : पटना हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायालय ने असफल अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी। उच्च न्यायालय ने बिहार के मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया में उन उम्मीदवारों को भी भाग लेने की अंतरिम अनुमति दी, जो तीन बार से अधिक एमबीबीएस परीक्षा में असफल रहे थे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने दी राहत
डॉ. चक्रपाणि कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह अंतरिम राहत प्रदान की। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे उम्मीदवारों को अंतरिम राहत इस याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन है। याचिकाकर्ता के वकील प्रणव कुमार ने अदालत से कहा कि यह आदेश अनुचित है।

बीपीएससी विज्ञापन की जानकारी दी गई
इन अभ्यर्थियों के लिए एक अलग श्रेणी बनाई गई है। अधिवक्ता प्रणव कुमार ने अदालत को बताया कि बीपीएससी ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि जो अभ्यर्थी एमबीबीएस पाठ्यक्रम में तीन बार से अधिक अनुत्तीर्ण हुए हैं, उन्हें पद के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। उन्होंने अदालत को बताया कि एमडी, एमएस जैसे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में ऐसे मामलों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह समानता के खिलाफ है.

राज्य सरकार विधेयक पर विचार करने के लिए तैयार है
उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक 2013 में पेश किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विधेयक पर विचार करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर अधिवक्ता प्रणव कुमार और सृष्टि सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से तथ्य प्रस्तुत किये। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने अपना पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई 2025 को होगी।

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