Kanpur City : शहर में संचालित ई-बसों में कंडक्टरों को यात्रियों से किराया वसूलना और बिना टिकट यात्रा कराना महंगा पड़ गया है। एक बार फिर, नगर निगम में स्थापित कंट्रोल रूम से ई-बसों की लाइव मॉनिटरिंग कर अधिकारियों ने किराया चोरी के आरोप में 43 कंडक्टरों को चिन्हित किया है। किराया चोरी के सबसे ज्यादा मामले आईआईटी से रामादेवी और घाटमपुर, बिंदकी और उन्नाव रूट पर पाए गए हैं।
केसीटीएसएल यानी कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने बुधवार को सेवा प्रदाता एजेंसी एसएस एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर चिन्हित कंडक्टरों को तत्काल रूट से हटाने के साथ ही सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं।
केसीटीएसएल जिले में 100 में से 80 ई-बसों का संचालन करता है। इसमें औसतन प्रतिदिन 11 हजार से अधिक यात्रियों को परिवहन सुविधा प्रदान की जाती है। कंडक्टर इन यात्रियों से 3 लाख रुपये की आय जमा कर रहे थे। जबकि आय 4.5 लाख रुपये जमा होनी चाहिए थी। एक से डेढ़ लाख रुपये की नियमित आय के नुकसान की आशंका के चलते मुख्य परिचालन अधिकारी ने नगर निगम में स्थापित कंट्रोल रूम से रूट पर चलने वाली ई-बसों में तैनात संविदा कंडक्टरों की निगरानी शुरू कर दी है।
तीन महीने तक चली निगरानी में राजस्व की हानि की पुष्टि होने के बाद चिन्हित कंडक्टरों को रूट से हटाने और सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्य परिचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने बताया कि जांच के दौरान चिन्हित संविदा परिचालकों ने विभिन्न रूटों पर 40 ट्रिप में 667 यात्रियों से किराया तो लिया, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिए। राजस्व की हानि पहुंचाने पर एजेंसी को चिन्हित कंडक्टरों को रूट से हटाने और सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।





