Female Traffic Policeman : ई-चालान लिंक पर क्लिक करते ही संभल-मुरादाबाद के पुलिसकर्मियों के वॉट्सऐप हैक.

Female Traffic Policeman : जब कोई व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार होता है, तो वह सबसे पहले सुरक्षा और कार्रवाई के लिए पुलिस के पास जाता है, लेकिन अगर पुलिसकर्मी ही साइबर अपराध का शिकार हो जाएँ, तो सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते हैं।

सोमवार को संभल और मुरादाबाद ज़िले के पुलिसकर्मियों के साथ भी ऐसा ही हुआ, जहाँ उन्हें आरटीओ की वेबसाइट से ई-चालान का एक लिंक मिला और जैसे ही उन्होंने उसे खोला, पुलिसकर्मियों का व्हाट्सएप हैक हो गया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने साइबर पुलिस की मदद लेकर अपना व्हाट्सएप ब्लॉक करवा लिया।

फ़िलहाल, इस लिंक से बचने के लिए जागरूकता और सलाह ज़रूरी है।

दरअसल, ज़िले के बनिया ठेर थाना क्षेत्र स्थित आटा पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल अरुण कुमार के मोबाइल पर सोमवार दोपहर व्हाट्सएप से एक मैसेज आया, जिसमें एक महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी की तस्वीर और ‘ई-चालान’ लिखा एक लिंक दिखाई दे रहा था।

लिंक खोलते ही उनका व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो गया और उनके सभी सेव नंबरों पर एक ही मैसेज आने लगा। नतीजतन, उनके जानने वालों के फ़ोन आने लगे और वे पूछने लगे कि यह संदिग्ध मैसेज क्यों भेजा जा रहा है।

स्थिति को समझते ही कांस्टेबल अरुण कुमार ने खुद कई लोगों को फोन करके बताया कि यह मैसेज उन्होंने नहीं, बल्कि हैकर्स ने भेजा है और इसे न खोलें, वरना अकाउंट हैक हो जाएगा।

उन्होंने तुरंत अपने थाने को सूचना दी और साइबर हेल्प डेस्क से मदद मांगी। साइबर टीम ने उनके व्हाट्सएप को 24 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया और आगे की तकनीकी ज़िम्मेदारी व्हाट्सएप की मूल कंपनी को सौंप दी।

इसी बीच, सोमवार शाम मुरादाबाद विजिलेंस में तैनात कांस्टेबल हरिओम सिंह को भी यही लिंक मिला और जैसे ही उन्होंने इस पर क्लिक किया, उनका व्हाट्सएप भी हैक हो गया। इस एक मैसेज ने संभल और मुरादाबाद ज़िलों के सौ से ज़्यादा पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों के व्हाट्सएप ऐप को प्रभावित किया, जिससे वे काम नहीं कर पाए और संदिग्ध मैसेज उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद नंबरों तक पहुँच गया।

हालांकि, कई पुलिसकर्मी और आम लोग, जो सतर्क थे, लिंक को खोले बिना ही अनदेखा कर गए और इस तरह एक बड़ी मुसीबत से बच गए।

साइबर पुलिस का दावा है कि यह साइबर अपराधियों द्वारा तैयार किया गया एक फ़िशिंग लिंक था, जो अब पुलिस को भी अपने जाल में फँसा रहा है।

साइबर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर बसंत यादव ने बताया कि उनके पास भी आरटीओ के ई-चालान का लिंक आया था, लेकिन उन्होंने उसे नहीं खोला।

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