उत्तराखंड के चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.3 मापी गई है। इसकी गहराई 10 किलोमीटर तक थी। इसके अलावा अफगानिस्तान, म्यांमार और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
अफगानिस्तान में 4.2 और 4.0 की तीव्रता का भूकंप आया है। इसकी गहराई क्रमश: 190 किलोमीटर और 125 किलोमीटर रही है। वहीं तिब्बत में 3.6 की तीव्रता का भूकंप आया है, इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही है। म्यांमार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई है और इसकी गहराई 105 किलोमीटर रही है।
हालही में हरियाणा में आया था भूकंप
बीते बुधवार-गुरुवार की रात हरियाणा के रोहतक में भूकंप आया था और गुरुवार दोपहर को झज्जर में भूकंप से धरती कांपी थी। हरियाणा के रोहतक में भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई थी और झज्जर में भूकंप की तीव्रता 2.5 मापी गई थी। हालांकि इन दोनों ही भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की बात सामने नहीं आई थी।
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप तब आता है, जब पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या अलग होती हैं। पृथ्वी की बाहरी परत, जिसे क्रस्ट कहते हैं, कई विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स में विभाजित है। ये प्लेट्स धीमी गति से निरंतर चलती रहती हैं। जब इनके बीच टकराव, फिसलन या दूरी बनती है, तो इससे उत्पन्न होने वाली ऊर्जा भूकंपीय तरंगों के रूप में बाहर निकलती है, जिससे धरती कांपती है और भूकंप होता है।
भूकंप के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे टेक्टोनिक प्लेट्स की गति, ज्वालामुखी विस्फोट, मानवजनित गतिविधियां (जैसे खनन या जलाशयों का निर्माण), और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाएं। भूकंप की ताकत को रिक्टर स्केल या अन्य मापदंडों से मापा जाता है। यह तीव्रता आमतौर पर फॉल्ट लाइन्स या प्लेटों की सीमाओं के आसपास अधिक होती है।
भारत में भूकंप का खतरा खासतौर पर हिमालय क्षेत्र में ज्यादा है, क्योंकि यहां इंडियन टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट का टकराव होता है। यह टकराव हिमालय की भूगर्भीय संरचना में लगातार दबाव और तनाव पैदा करता है, जिससे भूकंपीय गतिविधियां बढ़ती हैं।