Rajghat Power Plant : राजघाट पर बन सकता है दिल्ली सरकार का नया सचिवालय, जानिए पूरी योजना.

Rajghat Power Plant  : दिल्ली सरकार का नया सचिवालय बंद पड़े राजघाट बिजली संयंत्र की जगह बनाया जा सकता है। दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित चार जगहों में से राजघाट सबसे उपयुक्त जगह है। राजघाट 18 एकड़ में फैला हुआ है।

इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर के पास खैबर दर्रे में खाली हुई ज़मीन, दिल्ली विधानसभा और आईपी डिपो के सामने बंद पड़े बिजली संयंत्र भी इसके निर्माण के लिए प्रस्तावित जगहों में शामिल हैं।

पीपीपी मोड में भवन निर्माण की योजना

दिल्ली सरकार अपने सचिवालय को 35 मंजिला इमारत में बनाने पर विचार कर रही है। राजघाट स्थल की ज़मीन पर दिल्ली सरकार और डीडीए का संयुक्त स्वामित्व है। स्थल के बारे में अंतिम निर्णय होने के बाद, दिल्ली सरकार डीडीए से इस ज़मीन का अधिग्रहण करने की कार्रवाई करेगी।

जिस तरह निगम मुख्यालय सिविक सेंटर का निर्माण पीपीपी मोड में किया गया है, उसी तरह दिल्ली सरकार अपने सचिवालय भवन का निर्माण भी पीपीपी मोड में करने की योजना बना रही है।

दिल्ली सचिवालय का वर्तमान भवन कब बना था?

सिविक सेंटर के निर्माण पर खर्च होने वाले धन को निकालने के लिए कंपनी ने अपने लिए एक अलग टावर बनवाया है। दिल्ली सचिवालय वर्तमान में आईटीओ स्थित इंदिरा गांधी स्टेडियम के ठीक बगल में बना है। इस इमारत को प्लेयर्स बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। यह इमारत भूकंपरोधी नहीं है।

यह इमारत 1982 में एशियाई खेलों के दौरान बनाई गई थी, लेकिन समय पर काम पूरा न होने के कारण यह होटल समय पर नहीं बन पाया। बाद में दिल्ली सरकार सिविल लाइंस से प्लेयर्स बिल्डिंग में स्थानांतरित हो गई। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा केवल 19 विभागों के कार्यालय ही दिल्ली सचिवालय में स्थानांतरित किए जा सके।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिए संकेत

पीडब्ल्यूडी जल बोर्ड सहित स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यालय अलग-अलग होने से कामकाज प्रभावित होता है। इसी समस्या को देखते हुए पिछली योजना के तहत 2022 में आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर में दिल्ली सचिवालय से जुड़े दो टावर बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन धीमी गति के कारण यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

अब दिल्ली सरकार ने फिर से नया सचिवालय बनाने की योजना शुरू करने के संकेत दिए हैं। चार दिन पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसके संकेत दिए हैं। इसे पीडब्ल्यूडी मुख्यालय परिसर में बनाने की योजना पर पहले विचार किया गया था।

यहाँ इसे दो टावरों में बनाया जाना था। इसका एक टावर विकास भवन की ज़मीन पर और दूसरा टावर पीडब्ल्यूडी मुख्यालय (एमएसओ) और जीएसटी भवन को तोड़कर उनकी जगह बनाया जाना था। यहाँ टावर और उसका परिसर बनाने के लिए सिर्फ़ 53,603 वर्ग मीटर ज़मीन का ही इस्तेमाल हो सकता है।

लेकिन एमएसओ भवन की जगह राजघाट पावर प्लांट में ज़्यादा जगह उपलब्ध है। यहाँ बेहतर पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था भी उपलब्ध हो सकती है। वहीं अगर मुख्यालय एमएसओ भवन में बनाया जाता है, तो भविष्य में ट्रैफ़िक जाम और पार्किंग की समस्या हो सकती है।

विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि एमएसओ भवन की जगह सचिवालय बनाने के लिए एमएसओ और जीएसटी भवनों को तोड़ना पड़ेगा। दोनों बहुमंजिला इमारतों की उम्र अभी 30 से 40 साल बाकी है।

नए सचिवालय में होंगी ये सुविधाएँ

ट्विन टावरों के निर्माण के साथ ही सरकार के सभी विभाग इसमें स्थानांतरित हो जाएँगे।

ये टावर ग्रीन बिल्डिंग होंगे और इनमें अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

ये टावर ग्रीन बिल्डिंग होंगे और इनमें अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों के अलावा, टावर में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और उनके सहायक कर्मचारियों के कार्यालय भी होंगे।

आंतरिक साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

टावर में 2000, 1000 और 500 लोगों की क्षमता वाले सभागार बनाए जाएँगे।

यहाँ एक पुस्तकालय, क्रेच, कैंटीन, कैफेटेरिया और फ़ूड कोर्ट आदि होंगे। – वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, लिफ्ट, एस्केलेटर, केंद्रीकृत एयर कंडीशनिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल के लिए ऑडियो-वीडियो सिस्टम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वर्षा जल संचयन की सुविधा होगी।

इसमें भू-दृश्यांकन, खुला क्षेत्र और छत पर उद्यान के साथ-साथ पार्किंग की सुविधा भी होगी – वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट भी होंगे।

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