2000 CNG Buses Will Be Removed From Delhi : राजधानी दिल्ली में कुछ दिनों बाद यानी एक अप्रैल से अपनी मियाद पूरी कर चुकी बसें सड़कों से हट जाएंगी। इसके साथ ही क्लस्टर बसों के सात डिपो का अनुबंध भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में दिल्ली की सड़कों पर करीब दो हजार बसों का संचालन बंद हो जाएगा। इसके चलते 60 से ज्यादा रूटों पर बसों की कमी हो सकती है।
परिवहन विभाग और डीटीसी के बेड़े में बसों की संख्या कम होने से एक अप्रैल से दैनिक यात्रियों की परेशानी भी बढ़ सकती है। दिल्ली में डीटीसी के अलावा निजी कंपनी डिम्ट्स (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड) भी सीएनजी बसों का संचालन कर रही है।
परिवहन विभाग के चार क्लस्टरों का डिम्ट्स के साथ अनुबंध 31 मार्च रात 12 बजे खत्म हो जाएगा। इन चार क्लस्टरों के सात डिपो से रोजाना 997 बसें चलती हैं। सरकार ने पिछले साल इस अनुबंध को नौ महीने के लिए बढ़ा दिया है और अब इन बसों को सड़कों से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
डीआईएमटीएस ने अपने कर्मचारियों को 15 अप्रैल से सेवा समाप्ति का नोटिस भेजा है। इसके अलावा डीटीसी के बेड़े से एक हजार से अधिक बसों की लाइफ भी 31 मार्च को खत्म हो जाएगी। मोरी गेट से चौहान पट्टी, मोरी गेट से कापसहेड़ा बॉर्डर, कश्मीरी गेट से उत्तम नगर, कैर गांव से इंद्रलोक, भरोसा बॉर्डर से नेहरू प्लेस, तिलक नगर से कैर गांव, सत्यमपुरम से तिलक नगर, लाडो सराय से झाड़ोदा बॉर्डर तक यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बेड़े में नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी
दिल्ली सरकार सड़कों से हटाई जा रही पुरानी बसों की जगह बेड़े में नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी कर रही है। परिवहन विभाग के अनुसार, अप्रैल के पहले सप्ताह से नई बसें आनी शुरू हो जाएंगी और हर सप्ताह नई बसें शामिल की जाएंगी। परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि अप्रैल के अंत तक बेड़े में दो हजार नई बसें शामिल की जाएं, ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।





