Worlds Longest Rail Tunnel In Uttarakhand : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की बड़ी उपलब्धि, विश्व की सबसे बड़ी सुरंग का ब्रेकथ्रू सफल.

Worlds Longest Rail Tunnel In Uttarakhand : निर्माणाधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतर्गत 14.57 किलोमीटर लंबी सौर-जनसू सुरंग का पहला कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में यह सफलता हासिल की गई।

परियोजना में लगी टीबीएम शक्ति मशीन ने सुरंग का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जबकि ‘शिवा’ के जुलाई 2025 तक काम पूरा करने की उम्मीद है। बुधवार को जनासू के पास रेलवे परियोजना के तहत सौर-जनासू रेलवे मुख्य सुरंग का काम पूरा हो गया।

सुरंग पार होते ही परियोजना में लगे कर्मचारी, अधिकारी और मजदूर खुशी से झूम उठे। सभी ने वंदे मातरम के नारे लगाकर जश्न मनाया और एक-दूसरे को गले लगाया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य की प्रगति देखी और टीम का उत्साहवर्धन किया। दुनिया की सबसे बड़ी रेल सुरंग
जनासू सुरंग ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साथ दुनिया की सबसे बड़ी रेल सुरंग है। सुरंग पर काम 16 दिसंबर 2022 से शुरू हो गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2026 तक परियोजना की सभी सुरंगें ब्रेक-थ्रू बना दी जाएंगी।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की कुल लंबाई 125 किमी है। इसमें से 105 किलोमीटर रेल सुरंग के अंदर जाएगी। परियोजना की सबसे बड़ी रेल सुरंग देवप्रयाग से जनासू तक है।

रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के उप महाप्रबंधक सिविल ओपी मालगुडी ने बताया कि सुरंग की कुल लंबाई 14.57 किलोमीटर है। यह न केवल इस परियोजना की बल्कि विश्व की सबसे बड़ी रेल सुरंग है। इस सुरंग पर काम 16 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ था। बुधवार को सुरंग का काम पूरा हो गया। रेलवे ने प्रति माह औसतन 413 मीटर सुरंग खोदी। इसके लिए एकल शील्ड टीबीएम मशीन का प्रयोग किया गया। यह रेलवे का सबसे तेज उत्खनन और एक विश्व रिकार्ड है। शेष सुरंगों पर ड्रिल-ब्लास्ट तकनीक का उपयोग करके काम किया गया। इस परियोजना में कुल 16 सुरंगें हैं। 46 सफलताओं में से 37 सफलताएं प्राप्त हो चुकी हैं। अभी नौ और सफलताएं हासिल की जानी हैं। यह कार्य अप्रैल 2026 में पूरा हो जाएगा।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की दुनिया में चर्चा: रेल मंत्री

ऋषिकेश: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल एक अद्भुत परियोजना है। इसकी चर्चा पूरी दुनिया में है। इस परियोजना में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की जनासू रेल सुरंग के ब्रेक-थ्रू से संबंधित कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले वह परियोजना के तहत बने योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने करीब पंद्रह मिनट तक रेलवे स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने इसका भुगतान ऑनलाइन किया।

इसके बाद मीडियाकर्मियों से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग की अद्भुत परियोजना दी है। यह परियोजना अपनी तकनीक और सुरंगों के लिए पूरी दुनिया में चर्चा में है। इसके निर्माण में नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। यह परियोजना सांस्कृतिक भावनाओं के अनुरूप चल रही है। इस दौरान सांसद अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर शंभू पासवान, पूर्व मेयर अनिता ममगाईं, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, शिव कुमार गौतम आदि मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री ने लोगों का सपना पूरा किया

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद जताई कि 2027 की शुरुआत में काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों का सपना था कि यहां तक ​​ट्रेन पहुंचे, लोग सोच रहे थे कि यह सपना पूरा होगा या नहीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सपने को पूरा किया। बद्रीनाथ-केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा। इससे सांस्कृतिक विरासत और मजबूत होगी।

सभी ट्रेनों को रायवाला में रुकवाया जाए

ऋषिकेश: पूर्व मेयर अनीता ममगाईं ने योगनगरी रेलवे स्टेशन पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने अनुरोध किया कि ऋषिकेश गढ़वाल मंडल का प्रवेश द्वार है तथा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर है। लोगों को हरिद्वार या देहरादून से लंबी दूरी की ट्रेनें पकड़नी पड़ती हैं। उन्होंने देहरादून से आने वाली सभी ट्रेनों को रायवाला स्टेशन पर रोकने का अनुरोध किया।

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