Manoj Jarange Hunger Strike : सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने लगातार तीसरे दिन अपनी भूख हड़ताल जारी रखी और देवेंद्र फडणवीस सरकार से उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर मराठा आरक्षण पर सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करने की पुरज़ोर माँग की।
साथ ही, मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष और राज्य मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेंगे और देखेंगे कि क्या जरांगे की माँग के आधार पर हैदराबाद और सतारा राजपत्र से मदद ली जा सकती है।
आज़ाद मैदान में शुक्रवार से भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे ने कहा, “जब तक हमारी माँगें पूरी नहीं हो जातीं, हम धरना स्थल से नहीं हटेंगे, चाहे फडणवीस सरकार हम पर गोलियाँ ही क्यों न चला दे।” उन्होंने कहा कि “मराठा समुदाय कुंभी की एक उपजाति है। कुंभी एक कृषि-आधारित जाति है जिसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ मिलता है।
58 लाख अभिलेख मिले हैं जो दर्शाते हैं कि मराठा कुंभी से संबंधित हैं। जो आरक्षण चाहते हैं, वे इसे लेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर समय बर्बाद कर रही है। देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी कि अगर वह मुख्यमंत्री बने तो धनगर समुदाय को आरक्षण देंगे। क्या उन्होंने ऐसा किया? उन्होंने कहा था कि कृषि ऋण माफ़ किए जाएँगे। क्या उन्होंने ऐसा किया? अगर आप हमें आरक्षण नहीं देंगे, तो आप ग्राम पंचायत की एक भी सीट नहीं जीत पाएँगे।
मुंबई में प्रवेश करने से रोके गए लोग वापस लौट जाएँगे, लेकिन यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके सांसद और विधायक अपने परिवारों के साथ महाराष्ट्र छोड़ दें। जारांगे ने कहा, मराठों को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण मिलने से कोई नहीं रोक सकता।