Vat Savitri Puja Kab Hai 2025 : प्रदोष व्रत पर बेलपत्र की पूजा जानें विधि और नियम.

Vat Savitri Puja Kab Hai 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है और सुख-शांति लाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद उन्हें श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं।

लेकिन इन सभी सामग्रियों में भगवान शिव को अति प्रिय बेलपत्र अर्पित करना बहुत ही खास महत्व रखता है क्योंकि भोलेनाथ को बेल बहुत प्रिय माना जाता है। इसके बिना उनकी हर पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है।

इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि अगर प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने के साथ बेलपत्र की भी पूजा की जाए तो कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों से भी शांति मिलती है और बेलपत्र की पूजा से शुभ फल भी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में आइए ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद पचौरी से जानते हैं बेलपत्र के पेड़ की पूजा करने की विधि और नियम।

प्रदोष व्रत पर बेलपत्र के पेड़ की पूजा कैसे करें?

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें और फिर पूजा स्थल की सफाई करें और बेलपत्र के पेड़ के नीचे वाले हिस्से की भी सफाई करें। फिर घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा करने के बाद बेलपत्र के पेड़ के नीचे पूजा करें।

बेलपत्र के पेड़ की पूजा करने के लिए एक जल का लोटा, चंदन, रोली, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य लेकर आएं और फिर बेलपत्र के पेड़ के सामने पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें और फिर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।

इसके बाद बेलपत्र के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं, फिर पेड़ के तने पर चंदन या रोली का तिलक लगाएं और नियमानुसार चावल और फूल चढ़ाएं। फिर बेलपत्र के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे ओम नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र। अंत में पूजा समाप्त करते हुए बेलपत्र के पेड़ की परिक्रमा करें और आरती करें।

प्रदोष व्रत पर बेलपत्र के पेड़ की पूजा करने के नियम
अगर आप प्रदोष व्रत पर बेलपत्र की पूजा कर रहे हैं तो आपको उस दिन गलती से भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। इसे एक दिन पहले ही तोड़ लें ताकि आपको दोष न लगे। बेलपत्र की पूजा करते समय आपको भगवान शिव के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इस दिन ध्यान रखने वाली मुख्य बात यह है कि आपको प्रदोष व्रत पर बेलपत्र के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।

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