UPI PAYMENT : कल से नहीं कर पाएंगे पेट्रोल पंप पर UPI पेमेंट.

अगर आप डिजिटल पेमेंट के आदी हैं और पेट्रोल पंप पर UPI या कार्ड से भुगतान करते हैं, तो 10 मई को आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में पेट्रोल पंप मालिकों ने बैंक खातों को फ्रीज किए जाने और साइबर फ्रॉड के मामलों में दोषी ठहराए जाने के विरोध में डिजिटल भुगतान न स्वीकारने का फैसला किया है। इससे उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की सुविधा पर असर पड़ सकता है।

महाराष्ट्र के कई जिलों, खासकर मुंबई, नागपुर और विदर्भ क्षेत्र में पेट्रोल पंप मालिकों ने 10 मई को एक दिन के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इस दौरान कई पंपों पर डिजिटल लेन-देन यानी UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या किसी भी तरह का कैशलेस पेमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस कदम से हजारों उपभोक्ताओं को पेट्रोल-डीजल के लिए केवल नकद भुगतान करना पड़ सकता है।

विवाद की जड़:
पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि हाल ही में कुछ पंपों के खातों में साइबर धोखाधड़ी से संबंधित लेन-देन पाए गए, जिससे उनके बैंक खाते सील कर दिए गए। हालांकि वे दावा करते हैं कि उन लेन-देन से उनका कोई सीधा संबंध नहीं था और वे केवल ईंधन बेचने का काम करते हैं।
“हम ग्राहक का पेमेंट किस माध्यम से हुआ, यह ट्रैक नहीं कर सकते। फिर भी हमें आरोपी बना दिया जा रहा है,” फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारी उदय लोढ़ ने कहा।

कैशलेस सिस्टम पर संकट:
आज के समय में लगभग 50-55% ट्रांजेक्शन पेट्रोल पंपों पर डिजिटल माध्यम से होते हैं। ऐसे में अचानक डिजिटल पेमेंट बंद होने से उपभोक्ताओं को असुविधा हो सकती है। संघ के अनुसार, नागपुर में कुछ पंप पहले ही निर्णय ले चुके हैं कि वे केवल नकद भुगतान स्वीकार करेंगे।

अतिरिक्त बैंक शुल्क भी वजह:
इस विरोध का एक और कारण बैंकों और डिजिटल पेमेंट कंपनियों द्वारा लगाए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क भी हैं। पेट्रोल डीलर्स का कहना है कि जब ग्राहक ऑनलाइन भुगतान करता है तो संपूर्ण राशि उनके खाते में नहीं आती, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ता है।

जांच एजेंसियों से नाराजगी:
कुछ मामलों में जांच एजेंसियों ने पेट्रोल पंप मालिकों को ‘लाभार्थी’ बताते हुए उनके खातों को फ्रीज कर दिया है, जबकि संबंधित ट्रांजेक्शन फर्जी UPI IDs या क्लोन किए गए कार्ड से किए गए थे। इस स्थिति से पंप मालिकों में असंतोष फैल गया है।

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