Real Estate Market : ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदना हुआ महंगा, बुकिंग के समय ही देनी होगी स्टांप ड्यूटी.

Real Estate Market : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपार्टमेंट बुकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। घर खरीदारों को अब अपार्टमेंट बुक करते समय स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होगा। अब तक घर खरीदार अपना अपार्टमेंट प्राप्त करने के बाद स्टाम्प शुल्क का भुगतान करते थे, लेकिन अब इसे आरक्षण के साथ ही भुगतान करना होगा।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने डेवलपर्स के लिए सभी नई आवासीय परियोजनाओं में फ्लैटों का पंजीकरण बुकिंग के समय ही कराना अनिवार्य कर दिया है, न कि परियोजना के पूरा होने के समय। अचल संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क आमतौर पर अपार्टमेंट के कुल मूल्य का 6-7% होता है।

यह निर्णय रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम यानी रेरा 2016 की धारा 13 के तहत लिया गया है। नए नियम के अनुसार, फ्लैट की कीमत का 10% भुगतान करने के बाद, डेवलपर को खरीदार के साथ एक पंजीकृत ‘बिक्री समझौता’ करना होगा। इसके लिए आपको स्टाम्प ड्यूटी भी देनी होगी, जिसकी राशि संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करती है। फ्लैट सौंपते समय मात्र 100 रुपये मूल्य के स्टाम्प पेपर पर ‘टाइटल डीड’ पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

यह निर्णय क्यों लिया गया?

ग्रेटर नोएडा में कई आवासीय परियोजनाएं हैं जो डेवलपर्स के बकाया भुगतान न होने के कारण वर्षों से अधूरी पड़ी हैं। कुछ परियोजनाएं 10 वर्षों से अधिक समय से रुकी हुई हैं। कई खरीदारों ने आंशिक या पूर्ण भुगतान कर दिया है लेकिन अभी तक अपार्टमेंट का कब्ज़ा नहीं लिया है।

बिल्डरों ने नई नीति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यदि कोई खरीदार बुकिंग के बाद फ्लैट रद्द कर देता है तो उसे स्टाम्प ड्यूटी वापस मिलेगी या नहीं। इसके अतिरिक्त, यदि क्रेता बाद में भुगतान करने में विफल रहता है, तो इससे कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकता है।

अधिकारियों ने क्या कहा?

हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि यह नियम 27 अक्टूबर को आयोजित परिषद की 136वीं बैठक में अपनाया गया था। इसका उद्देश्य बुकिंग के समय ही समझौते को पंजीकृत करना है, ताकि बाद में अपार्टमेंट किसी और को न बेचा जा सके। इसके अलावा सरकार को स्टाम्प ड्यूटी से भी शीघ्र राजस्व प्राप्त होगा।

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