Operation Sindoor : पहलगाम में हुए हमले का भारत ने बदला ले लिया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा किए गए सटीक जवाबी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए बुधवार को देश के उत्तरी इलाकों में हवाई यात्रा बाधित रहेगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह जानकारी दी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक श्रीनगर हवाई क्षेत्र को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इस इलाके में कोई भी कमर्शियल फ्लाइट न तो उड़ान भरेगी और न ही उतरेगी। इसके अलावा एयरलाइन कंपनियों एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एयर इंडिया ने कई उड़ानें रद्द कीं
एयर इंडिया ने कहा कि उसने जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट के लिए अपनी सभी उड़ानें 7 मई दोपहर 12 बजे तक रद्द कर दी हैं। एयरलाइन ने ट्विटर पर लिखा, “मौजूदा स्थिति को देखते हुए, एयर इंडिया ने (जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट) के लिए अपनी सभी उड़ानें 7 मई दोपहर 12 बजे तक रद्द कर दी हैं। अमृतसर जाने वाली दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को दिल्ली भेजा जा रहा है। इस अप्रत्याशित व्यवधान के कारण हुई असुविधा के लिए हमें खेद है।”
इंडिगो ने यात्रा संबंधी सलाह जारी की
एयर इंडिया के साथ-साथ इंडिगो ने भी उत्तर भारत के कई स्थानों के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयरलाइन ने ट्विटर पर लिखा, “क्षेत्र में हवाई क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों के कारण, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़ और धर्मशाला के लिए हमारी उड़ानें प्रभावित हुई हैं।” इंडिगो ने यात्रियों से हवाई अड्डे पर पहुंचने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करने को भी कहा है।
स्पाइसजेट की सलाह
स्पाइसजेट ने सोशल मीडिया पर कहा कि बदलते हालात के कारण धर्मशाला, लेह, जम्मू, श्रीनगर और अमृतसर समेत कई प्रमुख हवाई अड्डों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। एयरलाइन ने आगाह किया है कि प्रस्थान, आगमन और आगे की उड़ानें विलंबित या रद्द हो सकती हैं। यात्रियों से भी आग्रह किया गया है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति की जांच कर लें।
आपको बता दें कि बुधवार सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारतीय सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इन स्थलों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।