Insurance Policy Rules : बीमा नियामक IRDAI ने बैंकएश्योरेंस मॉडल को लेकर वित्त मंत्रालय को एक बड़ा प्रस्ताव भेजा है। सीएनबीसी टीवी18 को प्राप्त सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव के तहत, बैंक अब बीमा बिक्री पर कमीशन नहीं लेंगे, बल्कि इसके बदले ग्राहक से बाजार-निर्धारित लेनदेन शुल्क लेकर बीमा कंपनियों को प्रीमियम का भुगतान करेंगे।
नये मॉडल में क्या बदलाव होगा?
अब तक बैंक बीमा बेचने के लिए कम्पनियों से कमीशन लेते रहे हैं। मान लीजिए कि 1,000 रुपये वार्षिक प्रीमियम वाली पॉलिसी पर बैंक को 18% की दर से 180 रुपये कमीशन के रूप में प्राप्त होंगे और ग्राहक से कुल 1,180 रुपये काटे जाएंगे।
आईआरडीएआई के नए प्रस्ताव के अनुसार, बीमा कंपनी बैंक को कोई कमीशन नहीं देगी। ग्राहक से लेनदेन शुल्क लिया जाएगा, जो बैंक द्वारा रख लिया जाएगा। बीमा कंपनी को केवल 1,000 रुपये का प्रीमियम प्राप्त होगा।
आईआरडीएआई के अनुसार, इस बदलाव से तीनों पक्षों को लाभ होगा।
बैंकों की स्वतंत्रता बढ़ेगी: अब बैंक कई बीमा कंपनियों के साथ अनुबंध कर सकेंगे, जिससे ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
कम लागत वाला बीमा: दरें बाजार के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित की जाएंगी, जिसका अर्थ है कि ग्राहक के लिए बीमा सस्ता और अधिक पारदर्शी हो सकता है।
गलत बिक्री पर नियंत्रण: ग्राहक को किसी विशेष बीमा पॉलिसी को जबरदस्ती बेचने की प्रवृत्ति अब कम हो जाएगी क्योंकि अब अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
बीमा कंपनियों की निर्भरता घटेगी: अब बीमा कंपनियों को किसी एक बड़े बैंक पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
ये परिवर्तन क्यों होते हैं?
आईआरडीएआई के पूर्व अध्यक्ष देबाशीष पांडा की अध्यक्षता में प्रस्तुत प्रस्ताव में बीमा क्षेत्र में ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने तथा कम लागत वाले वितरण मॉडल को अपनाने की आवश्यकता को स्पष्ट किया गया।
यह परिवर्तन आईआरडीएआई के ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें अधिक बीमा उत्पाद, अधिक कंपनियां और मजबूत वितरण नेटवर्क की परिकल्पना की गई है।
यदि यह प्रस्ताव लागू हो गया तो बीमा बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी, ग्राहकों को बेहतर अवसर मिलेंगे और बीमा कंपनियों को अधिक वितरण चैनल मिलेंगे।