Gst Will Be Applicable : भुगतान और बिल जेनरेट के मुताबिक लगेगा जीएसटी.

Gst Will Be Applicable : 22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू होने जा रही हैं और 300 से ज़्यादा वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है।

अगर माल पहले भेजा गया है, तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा

व्यापारियों के पास पुराना स्टॉक भी है। ऐसे में, व्यापारियों में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति है कि अगर माल पहले भेजा गया और भुगतान 22 सितंबर के बाद लिया गया, तो उन्हें किस दर पर जीएसटी देना होगा। क्योंकि व्यापारी अक्सर ऐसा करते हैं कि वे माल पहले भेजते हैं और भुगतान बाद में लेते हैं। कई बार वे भुगतान पहले लेते हैं और माल बाद में भेजते हैं।

अप्रत्यक्ष कर विभाग ने इस मामले में व्यापारियों को स्पष्ट किया है कि अगर उन्होंने माल पहले भेजा है और उसका भुगतान या बिल 22 सितंबर के बाद बना है, तो नई दर से जीएसटी लागू होगा।

वर्तमान दर पर लागू होगा जीएसटी

अगर भुगतान पहले किया गया है और माल 22 सितंबर के बाद भेजा गया है, तो ऐसी स्थिति में वर्तमान दर पर जीएसटी लागू होगा। वहीं, 22 सितंबर से पहले किसी व्यापारी ने कच्चा माल खरीदा है जिस पर 12 प्रतिशत टैक्स है। 22 सितंबर से उस कच्चे माल पर 12 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। ऐसे में अगर वह व्यापारी 22 सितंबर के बाद भी अपना इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है, तो उसे 12 प्रतिशत की दर से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।

कम समय में मिलेगा जीएसटी रिफंड
पिछले बुधवार को जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, अब कारोबारियों को आयकर रिफंड की तरह ही बेहद कम समय में जीएसटी रिफंड मिल जाएगा।

अप्रत्यक्ष कर विभाग के अनुसार, जिन मामलों में धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं है और जिनका रिफंड संदिग्ध नहीं है, उनमें सात दिनों के भीतर जीएसटी रिफंड दिया जाएगा। इससे कारोबारियों को कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। वहीं, नए कारोबारियों के लिए जीएसटी नंबर प्राप्त करने हेतु पंजीकरण को भी बेहद आसान बना दिया गया है।

कारोबारी तीन दिन में जीएसटी पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे
नए फैसले के अनुसार, कारोबारी अब तीन दिन में जीएसटी पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे। विभाग का कहना है कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले की अधिसूचना अगले सप्ताह जारी की जा सकती है।

जीएसटी का भुगतान ग्राहक द्वारा किया जाता है

व्यवसायों के पास जीएसटी दरों में बदलाव के अनुसार अपना लेखा-जोखा तैयार करने के लिए 15 दिन का समय होता है। जीएसटी का भुगतान ग्राहक द्वारा किया जाता है। व्यवसायी ग्राहक से जीएसटी वसूल कर सरकार को देते हैं।

Leave a Comment