12 And 28 Percent Slabs : जीएसटी सुधार की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) ने स्लैब की संख्या कम करने पर सहमति जताई है। गुरुवार को हुई एक अहम बैठक में राज्य मंत्रियों के पैनल ने 4-टैक्स प्रणाली को घटाकर 5% और 18% के दो मुख्य स्लैब में करने की केंद्र की योजना को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही अब 12 और 28% के जीएसटी स्लैब खत्म हो जाएँगे। यह कदम जीएसटी 2.0 की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य देश में कर प्रणाली को सरल और सुगम बनाना है ताकि आम आदमी को इसका लाभ मिल सके।
4 जीएसटी स्लैब की जगह अब केवल 2 दरें
वर्तमान में जीएसटी के 4 स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। नए ढांचे के तहत 12% और 28% की दरें खत्म हो जाएँगी। ऐसे में अब ज़्यादातर वस्तुएँ और सेवाएँ 5% या 18% के दायरे में आ जाएँगी। हालाँकि, तंबाकू और कुछ विलासिता की वस्तुओं की एक सीमित सूची पर 40% का उच्च कर लागू रहेगा। पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि लग्जरी कारों को भी 40% कर के दायरे में लाया जाना चाहिए।
जीएसटी सुधार योजना के अनुसार, जिन वस्तुओं पर पहले 12% कर लगता था, उनमें से 99% अब 5% के निचले स्लैब में आ जाएँगी। इसी प्रकार, लगभग 90% वस्तुएँ, जो पहले 28% स्लैब में थीं, अब 18% स्लैब में आ जाएँगी।
नई जीएसटी दरों का लाभ कब मिलेगा?
सवाल यह है कि नई जीएसटी दरें कब लागू होंगी? चूँकि अब यह तय हो चुका है कि जीएसटी के केवल दो स्लैब होंगे। ऐसे में, मंत्रिसमूह की सिफ़ारिशें अब जीएसटी परिषद को भेजी जाएँगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और जिसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। परिषद अपनी आगामी बैठक में प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और अंतिम निर्णय लेगी और इसके बाद नई जीएसटी दरें लागू होंगी।
आपको बता दें कि मंत्रिसमूह की अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। अन्य सदस्यों में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल शामिल थे।





