Putul Devi Awarded By President : बिहार के सीवान जिले के रघुनाथपुर प्रखंड में मुरारपट्टी गाँव है। यहाँ की ‘जीविका दीदी समूह’ की पुतुल देवी इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने ज़िले और राज्य का नाम रोशन करने जा रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 15 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में उन्हें सम्मानित करेंगी। यह सम्मान उन्हें पिछले 5 वर्षों से वन संरक्षण और जल-जीवन-हरियाली के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाएगा।
राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण में शामिल होगा
2 अगस्त 2025 को गोपालगंज से वन विभाग और केंद्रीय अधिकारियों की टीम मुरारपट्टी गाँव पहुँची और पुतुल देवी को राष्ट्रपति भवन का औपचारिक निमंत्रण पत्र सौंपा। पत्र मिलते ही पुतुल देवी, उनका परिवार और पूरा गाँव गर्व और उत्साह से भर गया। पुतुल देवी ने कहा कि वह 13 अगस्त को पटना जाएँगी और वहाँ से अधिकारियों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि 15 अगस्त को शाम 6 बजे आयोजित रात्रिभोज कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति अनिवार्य है।
जीविका समूह से जुड़ाव
पुतुल देवी वर्ष 2015 में जीविका समूह से जुड़ीं और तभी से उन्होंने वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। वर्ष 2020 से, वह जीविका दीदियों की नर्सरी के माध्यम से पौधों का उत्पादन, देखभाल और वितरण कर रही हैं। उनकी नर्सरी से बड़े पैमाने पर वन विभाग को वृक्षारोपण के लिए पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं, जो जिले के हरियाली अभियान में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान
पुतुल देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘एक पेड़ माँ के नाम’ की शुरुआत उनके क्षेत्र में वन विभाग के सहयोग से की गई थी। इसके तहत, वह हर साल विश्व पर्यावरण दिवस पर लगभग 500 जीविका दीदियों को एक-एक पौधा उपहार में देती हैं। साथ ही, वह स्वयं भी अपनी माँ के नाम पर एक पौधा लगाती हैं। उनका मानना है कि पेड़ न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति की अमूल्य धरोहर हैं।
जल जीवन हरियाली में योगदान
बिहार सरकार के जल जीवन हरियाली अभियान के तहत, पुतुल देवी ने न केवल पौधे तैयार किए, बल्कि उनकी सिंचाई और देखभाल की ज़िम्मेदारी भी ली। उनकी नर्सरी से हज़ारों पौधे रोपे गए, जिससे इलाके की हरियाली बढ़ी और भूजल स्तर में सुधार हुआ। वह कहती हैं कि सही सिंचाई, खाद और देखभाल से पौधे मज़बूत होते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं पुतुल
पुतुल देवी की मेहनत और लगन ने उन्हें गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बना दिया है। जीविका समूह के माध्यम से उन्होंने कई महिलाओं को पौधरोपण और नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया। आज दर्जनों महिलाएं उनके साथ इस काम में जुड़ी हैं और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही हैं।
गाँव में खुशी
सम्मान की खबर मिलते ही मुरारपट्टी गाँव में जश्न का माहौल छा गया। ग्रामीणों का कहना है कि पुतुल देवी का यह सम्मान सिर्फ़ उनका ही नहीं, बल्कि पूरे गाँव का गौरव है। परिवार के लोग भी बेहद खुश हैं और 15 अगस्त का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। भविष्य की योजनाएँ
पुतुल देवी का सपना है कि आने वाले वर्षों में उनके इलाके में पेड़ों की संख्या इतनी बढ़ जाए कि गर्मी और पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाए। वह कहती हैं कि पेड़ लगाकर हम धरती को हरा-भरा रखते हैं, यही आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा है।
सीवान के लिए यह गौरव का क्षण है
रघुनाथपुर प्रखंड और पूरे सीवान ज़िले के लिए यह गौरव का क्षण है कि एक साधारण ग्रामीण महिला अपने अथक प्रयासों और पर्यावरण प्रेम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। 15 अगस्त को जब पुतुल देवी राष्ट्रपति भवन में सम्मान ग्रहण करेंगी, तो सीवान की मिट्टी की खुशबू दिल्ली के दरबार तक पहुँचेगी।





