PM Kisan 20th Installment : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त पाने तथा अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। जिले के 1125 राजस्व गांवों के सात लाख बावन हजार किसानों को चिह्नित किया गया है। ये वे किसान हैं, जिनके नाम पर जमाबंदी है। इस अभियान के तहत 21 हजार तीन सौ नौ किसानों का पंजीकरण किया गया है। अभियान प्रतिदिन चल रहा है।
जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन स्वयं इस योजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को बिना किसी बाधा के सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए हर गांव में कैंप लगाए जा रहे हैं। कैंप में कृषि विभाग तथा राजस्व विभाग की संयुक्त भागीदारी है।
पंजीकरण के दौरान किसानों के ई-केवाईसी तथा भूमि संबंधी दस्तावेज एक साथ डिजिटल रूप से अपलोड किए जा रहे हैं। किसान पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। खासकर वैसे किसान जिन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही है, अगर वे पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो उन्हें अगली किस्त नहीं मिलेगी।
किसानों को मिलेगा स्थायी पंजीकरण नंबर:
किसान पंजीकरण के बाद योजना लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि पंजीकरण के बाद किसानों को एक स्थायी पंजीकरण संख्या मिलेगी। इससे भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी योजना या बैंक संबंधी प्रक्रिया में बार-बार दस्तावेज नहीं दिखाने पड़ेंगे।
एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल जाएगी। यह व्यवस्था किसानों को योजनाओं से जोड़ने और भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में बड़ा कदम है।
सरकारी योजनाओं का मूल उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती की लागत कम करना और लाभ सीधे किसानों तक पहुंचना है। इसी सोच के साथ डिजिटल पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है, ताकि बिचौलियों की भूमिका खत्म हो और योजनाओं की पारदर्शिता बनी रहे।
पंजीकरण के लिए ये हैं जरूरी दस्तावेज: हर पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर पंजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को आधार कार्ड, जमीन संबंधी दस्तावेज, मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक है) और बैंक खाते का विवरण लेकर शिविर में जाना होगा।