Patna High Court : पटना उच्च न्यायालय की वेबसाइट सहित बिहार सरकार की कई वेबसाइटों का डेटा हैक कर लिया गया। साइबर अपराधी न केवल सरकारी वेबसाइटों के नकली और क्लोन संस्करण बनाकर उनके डेटा का उपयोग करते हैं, बल्कि आम लोगों को भी धोखा देते हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इस संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है। पत्र के साथ विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की एक फर्जी वेबसाइट से संबंधित जानकारी भी दी गई। पत्र के जवाब में, ईओयू ने गृह कार्यालय से फर्जी और क्लोन वेबसाइट के रूप में चिह्नित डोमेन के बारे में जानकारी मांगी। ऐसी वेबसाइट को बंद करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
गृह मंत्रालय ने ईओयू को भेजे पत्र में कहा कि उच्च न्यायालय और बिहार सरकार के नाम पर बनाई गई कई फर्जी वेबसाइटें सिविल सेवा भर्ती, परिणाम और लॉगिन के बहाने व्यक्तिगत जानकारी और बैंकिंग विवरण चुरा रही हैं। एजेंसी प्रतिनिधियों के अनुसार, सरकारी वेबसाइट के डोमेन से मिलते-जुलते डोमेन नामों का इस्तेमाल फर्जी वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है। फर्जी वेबसाइट का नाम बिल्कुल सरकारी वेबसाइट जैसा ही है। केवल GOV या NIC के स्थान पर कोई अन्य नाम है। इसके अलावा, सरकारी वेबसाइटों से चुराई गई जानकारी का एक बड़ा हिस्सा फर्जी वेबसाइटों पर भी पोस्ट किया जाता है।
आम लोग इनमें अंतर नहीं बता पाते और गलती से इन्हें सरकारी वेबसाइट समझकर इन पर पोस्ट किए गए संदेशों के जाल में फंस जाते हैं। वे काम, परीक्षा या परिणाम से संबंधित मामलों में भी राशि का भुगतान करते हैं। राज्य के विभागों द्वारा पुलिस थानों में तथा पटना उच्च न्यायालय में भी ऐसे कई मामले दर्ज कराए गए हैं। आंतरिक मंत्रालय के अनुरोध पर, ईओयू ने इन मुद्दों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।





