KK Pathak : भोजपुर जिले के बड़हरा अंचल में गंगा किनारे करीब 50 साल पहले स्थित 349 एकड़ जमीन की अवैध जमाबंदी का मामला तूल पकड़ गया है।
बुधवार को समाहरणालय में नीलामी की समीक्षा के दौरान बिहार राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए डीएम को पूरे मामले की जांच कर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इसी साल 8 मार्च ने इस खेल को उजागर करते हुए पहले पन्ने पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। तब से प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
बैठक के दौरान केके पाठक ने एडीएम से कहा कि वे जल्द से जल्द अपने न्यायालय में मामले की सुनवाई करें और अवैध जमाबंदी को रद्द करते हुए उससे अवैध कब्जा व अतिक्रमण हटाएं।
केके पाठक के आदेश से हड़कंप मच गया है।
किसने और कैसे ऐसा अवैध काम किया है, इसकी जांच करें और सभी के खिलाफ कार्रवाई करें। उनके आदेश के बाद जिला मुख्यालय के राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है।
क्या कहा डीएम ने? इस मामले में डीएम ने कहा कि एडीएम के न्यायालय में तत्काल सुनवाई कर मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पूरा फर्जीवाड़ा बड़हरा प्रखंड क्षेत्र के सिन्हा मौजा में 228 लोगों के नाम पर करीब 349 एकड़ गंगा नदी, काली मंदिर व अन्य प्रकार की सरकारी जमीन की अवैध रजिस्ट्री कराने से जुड़ा है।
यह जमीन घोटाला आज या कुछ साल पहले का नहीं, बल्कि 50 साल पहले यानी 1975-76 से जुड़ा है। उस समय स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से इस बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था।