Bihar Teacher News : जिले के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों के बाद शिक्षण शैली का लाइव मूल्यांकन शुरू होगा। विद्यार्थियों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों और शिक्षकों की उनके उत्तर देने की क्षमता समेत सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक ने पत्र जारी किया है।
इस प्रक्रिया के तहत डाइट और शिक्षा महाविद्यालयों के शिक्षकों की टीम चिह्नित स्कूलों में तैनात की जाएगी। एक टीम को पांच स्कूलों- एक हाईस्कूल, एक मिडिल स्कूल और तीन प्राइमरी स्कूलों में मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गई है।
यह टीम सप्ताह में एक दिन कक्षा में उपस्थित रहकर शिक्षण प्रक्रिया का निरीक्षण करेगी और कुल 23 अंकों पर शिक्षकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी। मूल्यांकन टीम को सौंपी गई जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
टीम यह देखेगी कि कक्षा में विषय को किस तरह पढ़ाया जाता है। शिक्षक विषय को कितने तार्किक ढंग से समझाते हैं।
यह भी देखा जाएगा कि शिक्षक प्रासंगिक उदाहरणों का उपयोग करते हैं या नहीं, विद्यार्थी महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट कर पाते हैं या नहीं और वे विद्यार्थियों को कक्षा में प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करते हैं या नहीं। टीम यह भी देखेगी कि शिक्षक छात्रों द्वारा प्रश्न पूछे जाने पर दिए गए उत्तरों से संतुष्ट हैं या नहीं।
इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह जानना है कि प्रशिक्षण व्यय के बाद स्कूलों में शिक्षण की गुणवत्ता में कितना सुधार हुआ है।
शिक्षकों से मित्रवत व्यवहार करें:
एससीईआरटी निदेशक ने स्पष्ट किया कि यह निरीक्षण नहीं बल्कि शैक्षणिक निगरानी है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों से मित्रवत व्यवहार करें, ताकि माहौल सहज बना रहे। मूल्यांकन निष्पक्षता से किया जाए।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में इन प्रयासों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल शिक्षकों के प्रदर्शन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में भी सुधार आएगा।