Bihar Land News : जमीन की रोक सूची से खेसरा हटाने का अधिकार अब डीएम को, हर महीने होगी समीक्षा.

Bihar Land News : राज्य में बड़ी संख्या में जमीनों के प्रतिबंधित सूची में दर्ज खसरा हटाने के लिए प्राप्त आवेदनों को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

अब जिला निबंधक (डीएम) ही प्रतिबंधित सूची में दर्ज खसरा हटा या जोड़ सकेंगे। इसके लिए हर माह इसकी समीक्षा भी की जाएगी। इस संबंध में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव अजय यादव ने मंगलवार को पत्र जारी किया है।

विभाग की ओर से जारी पत्र में क्या कहा गया?

जारी पत्र में सचिव ने लिखा है कि निबंधन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान जानकारी मिली कि प्रतिबंधित सूची से नाम हटाने को लेकर बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।

इन आवेदनों पर अंतिम निर्णय नहीं होने के कारण प्रतिबंधित सूची से नाम हटाना संभव नहीं हो पा रहा है। साथ ही आवेदकों की ओर से कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की जा रही हैं। वहीं प्रतिबंधित सूची अपडेट नहीं होने से राजस्व संग्रह प्रभावित हो रहा है।

ऐसा इसलिए क्योंकि निबंधन विभाग को दस्तावेज के निबंधन से ही राजस्व प्राप्त होता है। इसे देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रतिबंधित सूची के संबंध में नियमित रूप से निर्णय लिया जाए।

इसके लिए विभाग की ओर से सक्षम प्राधिकार समाहर्ता एवं जिला निबंधक हैं। इस संबंध में समय-समय पर निर्देश भी जारी किए गए हैं।

सचिव ने राज्य के सभी समाहर्ताओं से अनुरोध किया कि वे हर माह प्रखंड सूची की समीक्षा करें। इसमें नियमानुसार नाम या खसरा या प्लॉट नंबर जोड़ने या हटाने के संबंध में निर्णय लिया जाए।

अकेले मुजफ्फरपुर जिले की प्रखंड सूची में करीब एक लाख खसरे हैं।

ज्ञात हो कि अकेले मुजफ्फरपुर जिले की प्रखंड सूची में करीब एक लाख खसरे हैं। जमीन के निबंधन के दौरान खसरा लॉक होने से आवेदक को परेशानी होती है। संबंधित खसरे को विभाग को भेजा जाता है। वहां से निर्णय आने के बाद ही जमीन का निबंधन हो पाता है।

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