Bihar Bank Merger : समावेशन कार्यक्रम का आयोजन दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय में किया गया। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार, दो सरकारी बैंक, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, 1 मई से एक हो गए हैं; अब यह बिहार ग्रामीण बैंक के रूप में कार्य करेगा। कंपनी का मुख्यालय पटना में स्थित होगा।
समावेशिता का जश्न मनाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया
इस अवसर पर बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा, नामित निदेशक प्रकाश मिश्रा, महाप्रबंधक संतोष सिन्हा, सहायक महाप्रबंधक सुयश जायसवाल एवं विकास कुमार भगत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
बिहार का सबसे बड़ा बैंक
चेयरमैन आशुतोष कुमार झा ने कहा कि हमारा बैंक अब बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन गया है। आज बिहार ग्रामीण बैंक की 21 लाख से अधिक शाखाएं, 65 हजार से अधिक ग्राहक सेवा केंद्र, साढ़े तीन करोड़ से अधिक ग्राहक और आठ हजार से अधिक कर्मचारी हैं।
दोनों बैंकों के विलय के बाद कारोबार 78,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि अब हम नए उत्साह के साथ छोटे किसानों, उद्यमियों, जीविका दीदियों, युवाओं, महिलाओं आदि को ऋण उपलब्ध कराने समेत सभी मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी शुद्ध आय कम हो गई है और हम लाभ भी कमाने लगे हैं। अब केन्द्र या प्रादेशिक सरकार के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन शीघ्रता से हो सकेगा।
नाबार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। अब गांव में सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह राज्य और केंद्र दोनों का है। बिहार ग्रामीण बैंक का 28-30 प्रतिशत कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों में है और अब इसमें वृद्धि होगी।