Gold Price Today : जानें 12 अगस्त को प्रति 10 ग्राम Gold का भाव.

Gold Price Today : वैश्विक संकेतों के बीच, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में 1000 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी गिरावट दर्ज की गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने बताया कि 12 अगस्त 2025 को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना ₹1,01,520 प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। सोमवार को यह ₹1,02,520 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय बाजारों में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना ₹1,000 की गिरावट के साथ ₹1,01,100 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गया। सोमवार को यह ₹1,02,520 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

सोने की कीमतों में नरमी के ये हैं कारण

खबरों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में बिकवाली के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई। अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि सोने के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया घोषणा ने कीमतों पर दबाव डाला। हालाँकि व्हाइट हाउस की ओर से अभी तक कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस बयान ने व्यापार संबंधी कुछ चिंताओं को कम किया है। साथ ही, व्हाइट हाउस ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि चीन पर उच्च-स्तरीय शुल्क 11 नवंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं। इस फैसले से व्यापक आर्थिक तनाव में कुछ राहत मिली है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

चाँदी की कीमतों में भारी गिरावट, रुपया मजबूत

चाँदी की कीमतों में भी मंगलवार को भारी गिरावट देखी गई। यह ₹2,000 की गिरावट के साथ ₹1,12,000 प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर आ गई। सोमवार को यह ₹1,14,000 प्रति किलोग्राम पर थी। मंगलवार को रुपया सीमित दायरे में स्थिर रहा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मात्र 3 पैसे की बढ़त के साथ 87.72 (अनंतिम) पर बंद हुआ।

वैश्विक बाजार में सोने की स्थिति कैसी रही?

न्यूयॉर्क में हाजिर सोना 0.13 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 3,347.18 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। ऑग्मोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा कि ट्रंप की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि सोने के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, जिससे आयात लागत में भारी वृद्धि की आशंका कम हो गई और कीमतें 3,400 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गईं। वहीं, वैश्विक बाजारों में हाजिर चांदी लगभग 1 प्रतिशत बढ़कर 37.90 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।

भविष्य की दिशा क्या होगी?

विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक अब आगामी अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों – जैसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई), उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) और खुदरा बिक्री – पर नज़र रख रहे हैं। ये आंकड़े फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों की संभावित दिशा तय करने में मदद करेंगे। साथ ही, अमेरिकी फेड अधिकारियों के भाषण भी अमेरिकी डॉलर की कीमतों की निकट भविष्य की दिशा को प्रभावित करेंगे और बुलियन यानी कीमती धातुओं की कीमतों की चाल को दिशा देंगे।

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